ये प्राचीन मंदिर भारतीय ऐतिहासिक इंजीनियरिंग की मिसाल हैं, आज के युग में दोबारा बनाना संभव नहीं है

 दोस्तों पूरे देश में भारतीय वास्तु शिल्पकला एवं इंजीनियरिंग की ऐसी बेजोड़ इमारतें और मंदिर हैं जिन्हे आज के इंजीनियरों द्वारा बनाना भी असंभव है। एक तरफ उनकी सुंदरता दूसरी तरफ उनका आज हजारों साल बाद भी सुरक्षित टिके रहना। भारत ने 25 जनवरी को राष्ट्रीय टूरिज्म डे (National Tourism Day) मनाना घोषित किया है।

इसी उपलक्ष में आज की ये खास पोस्ट है। जिसमें इतिहास के कुछ अजूबे हम आपके समक्ष पेश करेंगे पर एक भारतीय होने के नाते एक बार आप इन्हें जरूर देखने जाए। ऐसे ही महाराष्ट्र का “सिंधुदुर्ग किला” अपने आप में किसी अजूबे से कम नहीं।

हम सब जानते हैं समुद्र के खारे पानी में कोई भी चीज ज्यादा समय तक टिक नहीं सकती, नष्ट हो जाती है। परंतु 400 साल पहले समुद्र के बीच बनाया गया यह किला आज भी पूरी मुस्तैदी के साथ खड़ा है।

वैज्ञानिकों को तब और ज्यादा हैरानी हुई जब उन्होंने इसकी नींव को परखा तो देखा हजारों टन “लेड” को पिघलाकर इसकी नींव तैयार की गई थी। ताकि समुद्र का पानी से नीव के पत्थर सुरक्षित रहें। विदेशियों को यही बात हैरान करती है कि, हमारे भारत में ऐसी तकनीकें हजारों सालों से इस्तेमाल हो रही।

महाराष्ट्र में स्थित कैलाश टेंपल जिसे कहते हैं एलियंस ने बनाया

दोस्तों हम आपको बताने वाले हैं विश्व प्रसिद्ध कैलाश टेंपल (Kailash Mandir) के बारे में। वैज्ञानिक ऐसा दावा करते हैं कि, ये किसी इंसान नहीं बल्कि एलियन के द्वारा बनाया गया स्ट्रक्चर है। ऐसा इसलिए दोस्तों क्योंकि इसे पहाड़ के एक सिंगल चट्टान को काटकर टॉप से बॉटम तक तराश कर बनाया गया।

वैज्ञानिकों के अनुसार इसके बनाने में 20 लाख टन पत्थर को हटाया गया होगा। जिसमें 22 वर्ष का समय लगा था। यदि आज की आधुनिक तकनीक से भी काम किया जाए तो 20 लाख टन पत्थर को टॉप टू डाउन कंस्ट्रक्शन टेक्नोलॉजी के साथ तराश ले बनाने में सैकड़ों साल लग जाएंगे। एवं इसमें कई सुंदर मूर्तियों को भी तराशा गया है।

तमिलनाडु का मीनाक्षी अम्मान टेंपल सुंदरता का बेजोड़ नमूना

दोस्तों आइए चलते हैं तमिलनाडु (Tamil Nadu) स्थित मीनाक्षी अम्मान टेंपल (Meenakshi Amman Temple) में जिसे भक्त गोपुरम के नाम से भी जानते हैं। यह पवित्र स्थल 45 एकड़ से अधिक जमीन पर बनाया गया है। यह मंदिर बहुत ही सुन्दर है।

ये अपनी बेजोड़ नक्काशी एवं सुंदर संरचना के लिए प्रसिद्ध है। मंदिर का अंदर “हॉल ऑफ थाउजेंड पिलर” भी है। यह देश के ऊंचे मंदिरों में से एक माना जाता है जहां साल भर हजारों भक्तों दर्शन करने आते हैं। सरकार ने इसे एक हेरिटेज साइट घोषित कर रखा है।

सिंगिंग पिलर्स वाला विट्ठल टेंपल

दोस्तों कर्नाटक का विट्ठल टेंपल (Shree Vijaya Vitthala Gudi) बहुत ही सुंदर नक्काशी एवं डिजाइन के साथ तैयार किया गया है। दुनिया भर के पर्यटक यहां के “सिंगिंग पिलर” (The Musical Pillars Of The Vittala Temple in Hampi) की ओर आकर्षित होते हैं। आपको बता दें इस मंदिर में 56 ऐसे पत्थर के स्तंभ बनाए गए हैं जिनको छूने एवं बजाने से मधुर संगीत उत्पन्न होता है।

ये अपने आप में एक हैरान का विषय है कि एक पत्थर से संगीत कैसे निकल सकता है। आप इन पिलर को स्वयं छू के इस मधुर संगीत का आनंद ले सकते है। भारत के ऐसे हैरान कर देने वाले स्थल को एक बार जरूर देखना है जाना चाहिए।

नक्काशी का जादू बिखेरता आंध्र प्रदेश का लेपाक्षी मंदिर

आइए चलते हैं देश के एक और अजूबे की ओर, हम बात कर रहे हैं आंध्र प्रदेश (Andra Pradesh) में स्थित लेपाक्षी टेंपल (Veerabhadra Temple, Lepakshi) की। जहां एक और यह भारतीय वास्तु कला एवं नक्काशी का उदाहरण पेश करती है। वही इस का प्रवेश द्वार भी बेहद खूबसूरत बनाया गया है।

सबसे हैरान कर देने वाली बात यह है कि इसकी छत को सपोर्ट करने के लिए करीब 70 स्तंभ बनाए गए हैं जिनमें से एक स्तंभ ऐसा है जो छत से तो जुड़ा है, परंतु जमीन से ऊपर उठाएं अर्थात यह हवा में लटका हुआ है, जो पर्यटकों एवं भक्तों को दुनिया भर से खींच लाता है अपने दर्शनों के लिए। इस ऐतिहासिक इमारत को एक बार अपने परिवार के साथ अवश्य विजिट करें।