ये हैं रियल हीरो! पूरा दिन खड़ा होकर लोगों को नदी में कचरा डालने से मना करता रहा ये शख़्स

प्रदूषण एक बड़ी समस्या है, जो इस सदी की बड़ी चुनौतियों में से भी एक है. जल, ज़मीन और हवा में प्रदूषण का ज़हर घुल रहा है और प्रकृति को नुकसान पहुंचा रहा है. जल में होने वाले प्रदूषण से उसके जलीय जीव बुरी तरह प्रभावित होते हैं. इस समस्या की गंभीरता को देखते हुए चिंता जाहिर करना लाज़मी है और इससे निपटने के लिए योगदान देना भी ज़रूरी है. इस कड़ी में, एक ऐसा व्यक्ति इस काम के लिए अपनी ओर से पूरा प्रयास कर रहा है.

नासिक के इंदिरानगर चंद्र किशोर पाटिल लोगों को पानी में कचरा डालने से रोकते हुए दिखाई दिए. उन्होंने पूरा दिन सड़क पर खड़े होकर लोगों को ये करने से रोक दिया. किशोर की कहानी को आईएफएस अधिकारी श्वेता बोद्दु ने ट्विटर पर शेयर किया. यह पोस्ट वायरल हो गया और लोगों ने उनकी खू़ब तारीफ़ की और उन्हें रियल हीरो भी कहा.

श्वेता ने अपने पोस्ट के कैप्शन में लिखा, “मैंने इस व्यक्ति को पूरे दिन सड़क मे हाथ में सीटी लेकर खड़े देखा. वह लोगों को नासिक की गोदावरी नदी में प्लास्टिक की थैलियों को फेंकने से रोक रहे थे.” हिन्दुस्तान टाइम्स से बात करते हुए पाटिल ने कहा कि वह नदी के पास रह रहे हैं. हर गुज़रते साल के साथ पानी गंदा हो जाता है क्योंकि लोग त्यौहार के बाद नदी में कचरा डालते हैं. पांच साल पहले, उन्होंने स्टैंड लेने का फ़ैसला किया और लोगों को वॉटरबॉडी को प्रदूषित करने से रोका. वो बाहर कचरा रखवा देते हैं और फिर नगर निगम कचरा ले जाता है.

उन्होंने कहा, “मैं अब पांच साल से हर साल ऐसा कर रहा हूं और जब तक मेरा स्वास्थ्य ठीक है, तब तक ऐसा करना जारी रहेगा. मैं सुबह से रात 11 बजे तक नदी के किनारे एक सीटी के साथ खड़ा रहता हूं और लोगों को नदी में कचरा नहीं फेंकने के लिए सचेत करता हूं. कई लोग मेरे साथ बुरा व्यवहार करते हैं, लेकिन मैं अभी भी उन्हें इस तरह के काम करने के लिए नहीं कहता हूं.”

 

जब उनसे पूछा गया कि वो प्रतिरोध से कैसे निपटते हैं, तो उन्होंने कहा कि वह नदी के पानी से बोतलें भरते हैं और लोगों से इसे लेने के लिए कहते हैं. जब वे मना करते हैं, तो वह उन्हें नदी में गंभीर प्रदूषण के बारे में जागरूक करते हैं.

किशोर सही मायनों में रियल हीरो हैं.