राजीव जैन बताते हैं कि उनके पिता कस्तूरी लाल जैन गुजरांवाला (जोकि अब पाकिस्तान में है) के थे और मां शांति देवी जैन जालंधर की थीं। भारतवंशी ऋषि सुनक ने ब्रिटेन का पीएम बन इतिहास लिख दिया। ब्रिटेन में अब भी भारवंशी नस्लभेदी टिप्पणियों का शिकार होते हैं।
बंटवारे के बाद पाकिस्तान के गुजरांवाला से कई परिवार पंजाब के जालंधर में आकर बसे। यहां आकर मेहनत की। अपना कारोबार खड़ा किया। नागरिकता पाई और हिंदुस्तानी हो गए। आज गुजरांवाला के बाशिंदे ऋषि सुनक के ब्रिटिश पीएम बनने से गदगद हैं। उन्हें गर्व की अनुभूति हो रही है। दरअसल, ऋषि सुनक के पूर्वज भी गुजरांवाला से थे। तब गुजरांवाला अविभाजित भारत का हिस्सा था।
गुजरांवाला से जालंधर आया परिवार, बड़ा भाई अध्यापक तो छोटा भाई डॉक्टर
पंजाब पावर कारपोरेशन में तैनात बलजीत सिंह बताते हैं कि पिता राम कृष्ण सिंह शाहकोट के वज्जवां कला में अध्यापक रहे। वह अक्सर उस बात से आहत रहते थे कि अंग्रेज भारतीयों की तुलना कुत्तों से करते थे। आज एक युग बदला है, अब हम उन पर राज करेंगे, जो कभी हम पर करते थे। मेरे ताया सरदारी लाल गुजरांवाला में सराफ का काम करते थे। बंटवारे के बाद देश छोड़ा तो पेशा बदल गया और जालंधर के सिविल अस्पताल में सेवाएं दीं। उनकी मां भी गुजरांवाला से थीं। भले ही उन्होंने पाकिस्तान नहीं देखा, पर मां-पिता की यादें स्मरण आती हैं तो पुश्तैनी घर भी याद आता है।
गुजरांवाला से आया कपूर परिवार
बंटवारे के बाद गुजरांवाला से जालंधर के मॉडल हाउस में आकर बसे कपूर परिवार ने कहा कि हम गुजरांवाले जहां भी बसे मेहनत और लगन से काम कर मुकाम हासिल किया। सुनील कपूर ने बताया कि उनके पिता सुरिंदर नाथ कपूर और ताया कैप्टन डॉ. प्रेमनाथ कपूर गुजरांवाला में जन्मे। वहीं पढ़ाई लिखाई के बाद पिताजी एम्पीरियल बैंक में काम करते थे और ताया आर्मी में कैप्टन थे।