जब से विश्व डिजिटल हुआ है तब से चोरों ने भी चोरी करने का अंदाज़ बदल लिया है | अब वह घरों में जा कर नहीं बल्कि अपने घर में बैठ कर ही आप की गाढ़ी पसीने की कमाई पर हाथ साफ़ कर रहे है | गौर तलब यह है कि इस चोरी में आम जनता ही उन्हें सहयोग कर अपनी कमाई लुटा रही है | यही कारण है कि डिजिटल चोर आप के आस पास पूरा जाल बिछाते हैं और आप के बैंक अकाउंट की महत्वपूर्ण जानकारियाँ हासिल कर उनके आधार पर आप से ज़रूरी ओटीपी नंबर ले लेते है और कुछ ही देर में आप के अकाउंट से पैसे निकलने आरम्भ हो जाते है | कभी यह जालसाज़ आप को फोन करते है तो कभी ईमेल पर लॉटरी का झांसा देकर पैसे ऐंठ लेते है | इन सभी फ्रॉड के लिए पुलिस।, बैंक और प्रशासन काफी समय से जागरूक कर रहे है लेकिन कुछ लोग पैसे के लालच में आ कर अभी भी अपनी पूँजी लुटा रहे है |
जोगिन्द्रा बैंक के मैनेजर एलडी शर्मा ने बताया कि उनके पास अक्सर ऐसे लोग आ रहे है जिनके साथ ऑनलाइन ठग्गी हो रही है लेकिन अगर व्यक्ति ठगों को अपना ओटीपी दे देता है तो उसका पैसा वापिस मिलना बेहद मुश्किल है | ज़्यादातर घटनाओं में पैसा वापिस नहीं मिल पाता | उन्होंने कहा कि कभी भी बैंक किसी भी ग्राहक को फोन कर उस से महत्वपूर्ण जानकारियां हासिल नहीं करता है और न ही ओटीपी मांगता है | अगर बैंक को कोई जानकारी चाहिए होती है तो वह ग्राहक को बैंक में बुला कर ही पूछताछ करता है | इस लिए सभी नागरिकों को चाहिए कि वह किसी भी तरह अपने अकाउंट से जुडी जानकारी किसी को भी उपलब्ध न करवाए अन्यथा वह भी फ्रॉड का शिकार हो सकते है |