अजीब बीमारी से ग्रसित है सिंगापुर का 10 साल का ये बच्चा, कितना भी खा ले लेकिन भूख ही नहीं मिटती

कहते हैं जब इंसान स्ट्रेस में होता है तो उसकी भूख पूरी तरह मर जाती है. ऑफ़िस के काम के चक्कर में भी हम कई बार खाने-पीने का ध्यान नहीं रखते. इसकी तरह अगर बात बच्चों की करें तो उन्हें वक़्त से हेल्दी खाना खिलाना किसी चुनौती से कम नहीं है. फ़र्ज़ करिए कि कोई काफ़ी सारा खाना खा ले लेकिन उसे अंदर से लगे ही नहीं कि उसने कुछ खाया है? सिंगापुर का एक बच्चा ऐसी ही अजीबो-ग़रीब बीमारी से ग्रसित है.

कितना भी खा ले भूख ख़त्म ही नहीं होती

10 year old suffers from rare disease always hungry

Oddity Central की एक रिपोर्ट के अनुसार, 10 साल का डेविड सू सिंगापुर में रहता है. उसे एक दुर्लभ जेनेटिक डिस्ऑर्डर है. वो चाहे कितना भी खा ले उसकी भूख ख़त्म नहीं होती. कितना भी खा लो, डेविड को लगता ही नहीं कि उसने कुछ खाया है और ये वो हर रोज़ महसूस करता है.

Prader-Willi Syndrome से पीड़ित है डेविट

डेविड को Prader-Willi Syndrome नामक जटिल बीमारी है. इस बीमारी के कई लक्षण है और उनमें से एक है हमेशा भूख लगना. क्रोमोज़ोम 15 में कुछ जीन्स के फ़ंशन्स खो देने की वजह से ये बीमारी होती है.

आसान नहीं है इस बीमारी के साथ ज़िन्दगी बसर करना

10 year old suffers from rare disease always hungry

Prader-Willi Syndrome बीमारी इतनी घातक है कि मरीज़ों पर ख़ास ध्यान देना पड़ता है. मरीज़ खाते-खाते ख़ुद को मार भी सकता है. इस बीमारी की वजह से मॉर्बिड ओबेसिटी भी हो सकती है. यही नहीं, ये बीमारी मरीज़ के आंतों में छेद कर देती है.

सड़ा-गला यहां तक कि कूड़ा भी खा सकता है मरीज़

ये बीमारी इतनी गंभीर है कि मरीज़ समझ नहीं पाता कि क्या खाना चाहिए और क्या नहीं. RareDisease.org के अनुसार, इस बीमारी से ग्रसित मरीज़ पर भूख इस कदर हावी होती है कि वो सड़ा-गला कुछ भी खा सकता है. यही नहीं वो कूड़ा-करकट भी अत्यधिक मात्रा में खा सकता है. मरीज़ कई बार खाना चोरी करने पर भी मजबूर हो जाता है.

डेविड सू के परिवार वाले उसे खाने से दूर रखने के लिए कई तरह के उपाय करते हैं. जैसे- रसोई घर बंद रखना, खाने का शेड्यूल तैयार करना आदि. जब तक डेविड का वज़न कन्ट्रोल में है उसकी जान को कोई खतरा नहीं है और वो किसी आम 10 साल के बच्चे की तरह ज़िन्दगी जीने की कोशिश कर सकता है. अभी तक इस गंभीर बीमारी का कोई इलाज नहीं है.