इस अभिनेत्री ने किया था भारतीय सिनेमा का पहला किसिंग सीन, जानें कैसे हुई थी शूटिंग

ए थ्रो ऑफ ए डाइस

कभी फूलों का टकराना तो कभी तस्वीरों की ओर कैमरा घुमाना और कभी-कभी नदियों की धारा दिखाकर सीन को समझाना… कुछ ऐसा ही तो होता था, जब 70 और 80 के साथ-साथ 90 के आधे दशक तक बॉलीवुड की फिल्मों में किसिंग सीन दिखाया जाता था। …लेकिन कभी सोचा है कि फूलों की टकराहट और चिड़ियों की चहचहाहट से ‘किस’ की यह कहानी फिल्मी पर्दे पर होंठों की दहलीज तक कैसे पहुंची? आखिर भारतीय फिल्मों में पहला किसिंग सीन कब फिल्माया गया? कौन थी वह अभिनेत्री, जिसने इन दायरों को दरकिनार कर दिया? फिल्मों में पहला बोल्ड सीन किसने किया और कैसे किया? क्या वाकई हीरो-हीरोइन एक-दूसरे को असलियत में किस करते हैं? कैसे इन बोल्ड सीन को फिल्माया जाता है? क्या एक-दूसरे के सामने ही कपड़े तक बदल लेते हैं? बॉलीवुड की तमाम हद से ज्यादा बोल्ड और रोमांटिक फिल्में देखते वक्त अगर आपके मन में भी कभी-कभार ऐसे ही सवाल आते हैं तो अमर उजाला की इस सीरीज को कतई मिस न करें और आज इसकी पहली कड़ी में ‘किस्सा किस का’ से रूबरू हो लें…
ए थ्रो ऑफ ए डाइस

इस फिल्म में देखने मिला था पहला किस
भारतीय सिनेमा में एक ऐसा दौर भी था जब रोमांटिक या इंटिमेट सीन को दो पक्षियों या फिर फूलों के जरिए पर्दे पर दिखाया जाता था। इसमें गलती भी किसी की नहीं है, क्योंकि वह जमाना ही ऐसा था… यह आजादी से पहले का वक्त था, जब किसिंग या बोल्ड सीन को खुलकर फिल्माने के बारे में सोचा भी नहीं जा सकता था। सामाजिक परिदृश्य में यह सोचना भी सही नहीं था। तब लोग फिल्मों में दिखाई जानी वाली चीजों को अक्सर आत्मसात किया करते थे, फिर वो चाहे एक्टरों के बालों का लुक हो या फिर किसी अदाकारा के साड़ी बांधने का तरीका… पारिवारिक फिल्मों का चलन था, जो पूरा परिवार साथ बैठकर देखा करता था, दूसरे शब्दों में कहें तो उस वक्त भारतीय सिनेमा इतना बोल्ड नहीं था। लेकिन अगर हम आपको बताएं, की उस वक्त भी एक एक्टर- एक्ट्रेस ने बेहद बोल्ड किसिंग सीन दिया था, तो आप मानेंगे… ,शायद नहीं, मगर यह सच है। भारतीय सिनेमा के इस किसिंग सीन को ब्रिटिश राज में बनाई गई फिल्म ‘ए थ्रो ऑफ डाइस’ में फिल्माया गया था। साल 1929 में आई यह फिल्म एक साइलेंट फिल्म थी।

ए थ्रो ऑफ ए डाइस

इन दोनों कलाकारों के बीच हुई था पहला किस
भारतीय सिनेमा को जानने वाले अधिकतर लोगों को लगता है कि हिंदुस्तानी सिनेमा का पहला किस सीन असल में देविका रानी ने किया था, लेकिन यह पूरी तरह से सच नहीं है। उनसे पहले, एक्ट्रेस सीता देवी ने 1929 में आई साइलेंट फिल्म ‘ए थ्रो ऑफ डाइस’ में यह कारनामा कर दिया था। इस फिल्म में सीता देवी ने अपने सह-अभिनेता चारू रॉय को ऑनस्क्रीन पहली बार किस किया था। यह तो आज भी सोचा जा सकता है कि उस वक्त में इस तरह का सीन देना असल में दोनों एक्टर्स के लिए कितना कठिन रहा होगा, लेकिन उस समय की सामाजिक व्यवस्था को चुनौती देते हुए न सिर्फ इस सीन को फिल्माया गया, बल्कि रिलीज भी किया गया। ऐसे में कह सकते हैं कि, 20 और 30 के दशक की एक्ट्रेसेस ज्यादा बोल्ड हुआ करती थीं।

ए थ्रो ऑफ ए डाइस

क्या थी फिल्म की कहानी?
बात करें फिल्म की तो फ्रांज ओस्टेन की तीसरी भारतीय फिल्म ‘ए थ्रो ऑफ डाइस’ को उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि माना जाता है। इस फिल्म में हजारों कलाकार और जानवर शामिल हैं, जिनमें 10,000 एक्सट्रा, 1,000 घोड़े और कई हाथी और बाघ शामिल थे। फिल्म की शूटिंग राजस्थान की लोकेशन्स पर की गई थी। 1929 में आई यह फिल्म महाभारत काल के दो राजाओं की कहानी कहती है। दो पड़ोसी भारतीय राज्यों पर चचेरे भाई राजा रंजीत और राजा सोहत का शासन था। रंजीत से अनजान, सोहत उसके राज्य पर कब्जा करने की साजिश रच रहा था। दोनों राजा, एक साधु की बेटी, सुनीता को दिल दे बैठते हैं, और उसे पाने के लिए जुए की बाजी लगा देते हैं। सुनीता रंजीत से शादी करना चाहती है, लेकिन रंजीत सोहन से हार जाता है और उसका गुलाम बन जाता है। मगर फिर सोहन के बुरे इरादों का अंत होता है और अंत में सुनीता- रंजीत की शादी हो जाती है। यह फिल्म जर्मनी में रिलीज हुई थी। फिल्म में सीता देवी, हिमांशु राय, चारु रॉय जैसे कलाकार थे।