भारत के सुदूर गांव की इस बेटी ने इटली में फहराया तिरंगा, वर्ल्ड ब्रिज चैंपियनशिप में जीता गोल्ड

Indiatimes

मध्य प्रदेश के खरगोन जिले से 22 किमी दूर एक छोटे से गांव रायबिड़पुरा की बेटी ने इटली में तिरंगा फहराया है. इटली में चल रही वर्ल्ड ब्रिज चैंपियनशिप में खिलाड़ी कल्पना गुर्जर ने अंडर-26 महिला वर्ग में भारत के लिए गोल्ड मेडल जीता. वो 40 देशों के 150 खिलाड़ियों को हराकर चैंपियन बनी हैं.

kalpana won gold in italyNews18

मध्य प्रदेश से इन्हीं दोनों बेटियों का हुआ चयन

बता दें कि खरगोन के रायबिड़पुरा गांव से दो बेटियों कल्पना गुर्जर और विद्या पटेल इटली में आयोजित विश्व ब्रिज स्पर्धा में चयनित हुई थीं. दोनों ही पूर्व में डबल्स में सिल्वर मेडल जीत चुकी हैं. आमतौर पर देश में ताश के खेल को जुआ माना जाता है, लेकिन 52 पत्तों के ब्रिज खेल प्रतिस्पर्धा में खरगोन जिले के कई खिलाड़ी हिस्सा ले चुके हैं. इस साल भी इटली में आयोजित वर्ल्ड ब्रिज चैंपियनशिप में कल्पना गुर्जर और विद्या पटेल का चयन हुआ. दोनों ने भारत का प्रतिनिधित्व किया. पूरे मध्य प्रदेश से इन्हीं दोनों बेटियों को चुना गया था.

kalpana won gold in Italygnntv

एक के पिता किसान तो दूसरे के शिक्षक हैं

ये दोनों खिलाड़ी खेल के साथ पढ़ाई में भी एक होनहार छात्रा रही हैं. हमेशा अव्वल नंबरों से पास होती आई हैं. इन दोनों की पढ़ाई इंडियन ब्रिज फेडरेशन के द्वारा कराई जा रही है. ये दोनों बीएससी की छात्रा हैं. विद्या के पिता कमल पटेल किसान हैं. कल्पना के पिता बलिराम गुर्जर शिक्षक हैं. दोनों ने अपने दादा से इस खेल को सीखा. आज विश्व पटल पर गांव के साथ देश का नाम रौशन कर दिया.

kalpana-won-gold-in-italyBS

विदेशों में फहराया तिरंगा

खरगौन की दोनों बेटियां 7 से 14 अगस्त तक इटली के वर्ल्ड यूथ ब्रिज चैंपियनशिप में हिस्सा लेने पहुंची. जिसमें भारत के अलावा इटली, पोलैंड, फ्रांस, नीदरलैंड और चीन समेत 40 देशों के खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था.

वहीं रायबिड़पुरा गांव के लिए यह चौथा मौक़ा था जब यहां का कोई खिलाड़ी वर्ल्ड लेवल पर इस खेल में हिस्सा लेने पहुंचा था. इससे पहले तीन मर्तबा फ्रांस, चीन व क्रोएशिया में आयोजित वर्ल्ड ब्रिज चैंपियनशिप में कल्पना और विद्या के अलावा अन्य खिलाड़ी हिस्सा ले चुके हैं. फिलहाल, इस बार कल्पना ने चैंपियन का ख़िताब अपने नाम करते हुए गोल्ड जीता है.

Representative Image Representative Image

गांव को बिल गेट्स भी दे चुके हैं एक हजार डॉलर

बता दें कि 700 घरों वाले इस गांव में ब्रिज खेल के लिए खिलाड़ियों को प्रशिक्षण दिया जाता है. यहां साल 1965 में महज मनोरंजन के लिए इस खेल की शुरुआत हुई. इसका श्रेय सैयद खान नाम के एक डॉक्टर को जाता है.

bill gatesCNBC

इस खेल के प्रति लोगों की दिलचस्पी को बढ़ते हुए देख, साल 2014 में ब्रिज किसान क्लब की स्थापना की गई. यहां स्थानीय खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देने के लिए देश-विदेश से प्रशिक्षक आते रहते हैं. यह गांव इस खेल के लिए इतना मशहूर है कि माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स ने एक हजार डॉलर की राशि भेंट की थी. यहां आप ताश खेलते हुए अक्सर लोगों को देख सकते हैं.