हमारे देश में कई बेटियों और महिलाओ ने हमें गर्व करने का मौका दिया है। देश और विदेश में देश की बेटियों ने हर क्षेत्र में नाम रोशन किया है। फिर चाहे खेल हो या उच्च पदों की नौकरी या राजनीति, हर जगह आपको महिलों का वर्चस्व देखने को मिल जायेगा।
हाँ कुछ क्षेत्र ऐसे है, जहाँ केवल पुरुष ही काम करते है और वह काम बेटियों और महिलों के लिए मुश्किल मानी जाती है, उनमे से एक डेयरी बिजनेस है। परन्तु आज की कहानी में एक बेटी ने में डेयरी बिजनेस (Dairy Business) में कामयाबी पाकर मिसाल पेश की है।
हम जिस बेटी की बात कर रहे हैं, वह निघोज अहमदनगर (Ahmednagar) जिले के पारनेर तालुका (Taluka) के एक गाँव से आती है। इस गांव में ढवण परिवार की बेटी श्रद्धा (Shraddha Dhawan) अब एक मिसाल बन गई है। केवल 22 साल की उम्र में उनकी ख्याति पूरे देश में फ़ैल गई है। श्रद्धा के पिता विकलांग बताये होते हैं और उन्हें भाई-बहन अभी छोटे हैं।
श्रद्धा (Shraddha Dhawan) अपने घर की बड़ी लड़की है। उनके घर में कमाने वाला कोई और नहीं है। उनका परिवार कुछ भैंसों के सहारे चल रहा था। उनके परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। माता-पिता घर पर कुछ भैंसों की देखभाल करते और दूध का एक छोटा व्यवसाय चलाकर अपना परिवार पालते। श्रद्धा भी उनके काम में हाँथ बटाती थीं।
उन्होंने भैंसों (Buffalo) को पानी पिलाने और गोबर उठाने का काम भी किया। श्रद्धा ने छोटी उम्र में ही उम्र में भैंसों का दूध निकालना सीख लिया था। उन्हें यह व्यवसाय भी समझ आने लगा था। जब वह 11 साल की रही होंगी, तब इस व्यवसाय को संभालना चालू कर दिया था। उसने अपने पिता की मदद के लिए यह काम शुरू किया था। वह भी इस काम को पसंद करती है।
उन्होंने दुघ सप्लाई करने का भी काम किया। पहले उन्हें मोटरसाइकिल पर दूध की बड़ी बड़ी केतली रखकर ले जाने में अटपटा लगता था, लेकिन धीरे-धीरे वह इसमें सहज हो गई। श्रद्धा ने पिकअप गाडी चलाना भी सीख लिया। साईकिल पर स्कूल जाने की उम्र में श्रद्धा मोटरसाइकिल पर दूध बेचने जाती, तो लोग यह देखकर हैरान हो जाते।
श्रद्धा अब डेयरी बिजनेस में मास्टर हो गई है और उसके पास 80 से अधिक भैंसें (Buffaloes) हैं। आज के समय में उन्होंने अपनी भैंसों के लिए दो मंजिला खलिहान भी बनवा दिया है। इसी 2 मंजिला खलिहान से उनका दूध का बिज़नेस अच्छा चल रहा है। अब श्रद्धा अपने धवन अपने डेरी फार्म से हर महीने के 6 लाख रूपए कमा रही है।
श्रद्धा के पिता ने उन्हें भैंस के लालन पालन के बारे में सब कुछ सीखा दिया है। अब श्रद्धा ने मालों डेरी व्यवसाय में पीएचडी कर ली है। उसने शहर ना जाके अपनी श्रद्धा डेयरी (Shraddha Dhawan Dairy Farm) पर ही काम करने का फैसला किया और वह सफल रही।
श्रद्धा ने अपने व्यवसाय में ध्यान देने के लिए गांव निघोज (Nighoj village) में ही रहकर BSC की पढ़ाई की है। श्रद्धा ने गाँव में ही अच्छी शिक्षा प्राप्त करके खुद को साबित कर दिया है। आज श्रद्धा के खलिहान से 450 लीटर दूध निकलता है। अपने पिता के छोटे से दूध व्यवसाय (Dairy Business) को इतना बड़ा बनाने के लिए पूरा गांव श्रद्धा बिटिया का सम्मान करता है।