अयोध्या. भगवान राम के अनंत भक्त काग भुसंडी के बारे में आपने जरूर सुना होगा. रामायण में कई जगहों पर इसका उल्लेख है. ऐसे तमाम राम भक्तों के बारे में आप जानते होंगे और सुनते आए होंगे. लेकिन रामनगरी में श्री राम का एक ऐसा भक्त है जिसको जानकर आप भी उसके मुरीद हो जाएंगे. श्रीराम की जन्मस्थली अयोध्या से लगभग 220 किलोमीटर दूर गोरखपुर जिले के भवनपुर गांव की रंग महल मंदिर के पास एक गौशाला है. यहां लगभग 20 वर्ष पहले एक गाय ने जन्म लिया था. यह सरयू गाय भगवान राम के जन्मस्थान के समीप रंग महल मंदिर आई और अपनी इच्छा शक्ति से भगवान की भक्ति में लीन हो गई.
भूमि पूजन में दिया गया था निमंत्रण
हैरानी की बात है कि भगवान राम के प्रांगण में प्रतिदिन 108 बार परिक्रमा करना, उनके चरणों में प्रणाम करना सरयू गाय के लिए नित्य का काम है. पिछले 20 वर्षों से लगातार सरयू भगवान राम के मंदिर निर्माण की कामना लेकर परिक्रमा करती आ रही है. इतना ही नहीं गाय ने विशेष अवसरों पर राम मंदिर की परिक्रमा विशेष तरीके से की है. परिक्रमा पूरी होने के बाद रामलला की तरफ सिर कर के वो कुछ इस प्रकार खड़ी होती है जैसे मानो अपने आराध्य भगवान राम को प्रणाम कर रही हो.
यही कारण है कि मंदिर निर्माण के लिए होने वाले भूमि पूजन में सरयू गाय को सर्वसम्मान के साथ आमंत्रित किया गया और रामलला के सानिध्य में ले जाकर उसकी पूजा-अर्चना की गयी.
सरयू ने की थी प्रतिज्ञा
न्यूज़ 18 लोकल से बात करते हुए रंग महल मंदिर के महंत रामशरण दास बताते हैं कि सरयू गाय का इतिहास बड़ा महत्वपूर्ण है. हिंदू समाज के लिए गाय पूज्यनीय रही है. सरयू गाय का संकल्प था कि हमारे रामलला का भव्य मंदिर का निर्माण हो. सुप्रीम कोर्ट से जब भव्य मंदिर के निर्माण का आदेश आया तब यह भूमि पूजन के लिए वहां गई, और ऐसे लगा कि मानो उसे एहसास हो गया कि आज संकल्प पूरा हो गया है.
रामशरण दास बताते हैं कि देश-विदेश से आने वाले भक्त सरयू गाय का दर्शन और पूजन करते हैं. कोई पैर दबाता है, तो कोई इसको सहलाता है. कोई गुड़ खिला रहा है, तो कोई फल खिलाता है. सरयू गाय की महिमा अनंत है.
वो बताते हैं कि सरयू गाय का संकल्प भले ही पूरा हो गया है. लेकिन वो आज भी परिक्रमा करती है. हालांकि परिक्रमा करने का नियम जरूर बदल लिया है. अपनी प्रसन्नता के हिसाब से वो परिक्रमा करती हैं.