भोपाल. अधिकांश लोग जब सिविल सेवा में जाते हैं तो अधिकारी ठाठ-बाट ढूंढते हैं. बड़ी-बड़ी गाड़ियों और काफिले के साथ निकलते हैं. लेकिन कुछ आईएएस-आईपीएस अधिकारी होते हैं, जो बेहद सादगी से रहते हैं. वो किसी भी तरह के लाव-लश्कर के साथ नहीं चलते हैं. इन्हीं में से एक कलेक्टर हैं मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के संदीप जी आर. कलेक्टर संदीप अपने काम को लेकर खूब चर्चा में रहते हैं
लेकिन इन दिनों अपने काम के साथ-साथ अलग अंदाज को लेकर भी चर्चा में हैं. क्योंकि जब वह सड़क पर निकलते हैं तो लोग उन्हें पहचान नहीं पाते हैं. वह कहीं भी किसी वक्त साइकिल से पहुंच जाते हैं. आईएएस संदीप जे आर जब साइकिल से सड़कों पर निकलते हैं तो उनके साथ सुरक्षाकर्मियों की कोई टीम नहीं होती है. एक साधारण व्यक्ति की तरह वह साइकिल से शहर में निकल जाते हैं. संदीप जे आर 2013 बैच के आईएएस अधिकारी हैं.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कलेक्टरसंदीप जे आर बिल्कुल आम ड्रेस में निकलते हैं. उनकी साइकल भी ज्यादा महंगी नहीं है. वह पायजामा और टीशर्ट पहनकर साइकल से निकलते हैं. इस दौरान उनके साथ सरकारी अमला भी नहीं होता है.
बिना सूचना दिए ही कलेक्टर सरकारी विभागों में निरीक्षण के लिए पहुंच जाते हैं. द बेटर इंडिया को दिये गए एक इंटरव्यू में आईएएस संदीप ने बताया कि “मेरा विचार यह देखना है
कि हम जो सेवाएं प्रदान कर रहे हैं, उनके संदर्भ में नागरिक क्या करते हैं. जिस क्षण हम कार में यात्रा करते हैं, हम उन्हें समझ नहीं पाते हैं.” उन्होंने कहा “दो अलग-अलग दुनिया है, कार्यालय में और बाहर सड़क पर,” साइकिल पर यात्रा करने से वह जीवन के अनुभवों की वास्तविकताओं को बेहतर ढंग से समझ पाते हैं. बाहर की सड़क वाली दुनिया के लोगों को समझने के लिए आपको पैदल या साइकिल से यात्रा करने की जरूरत है.”
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक निरीक्षण के बाद कलेक्टर साइकल से ही ऑफिस भी पहुंच जाते हैं. उनके यह रूप से जिले की जनता काफी खुश है. साथ ही लापरवाही अधिकारियों और कर्मियों में एक भय भी है. गौरतलब है कि 2013 बैच के IAS अफसर संदीप जे आर पहली बार कलेक्टर के रूप में काम कर रहे हैं. इससे पहले वह जबलपुर में नगर निगम कमिश्नर के रूप में पदस्थ रहे हैं. संदीप जे आर के रहते जबलपुर नगर निगम में भी शानदार काम हुआ.