पुरानी कहावत है, ‘मारने वाले से, बचाने वाला बड़ा होता है.’ बिहार के एक मासूम की किस्मत ने एक बार फिर से इस कहावत को सच साबित कर दिया है. कोई नहीं जानता कि वो कौन सी मजबूरी रही होगी जिसके कारण इस मासूम को इसकी मां या पिता सड़क पर लावारिस छोड़ गए थे. किसे पता था कि सड़क किनारे लावारिस छोड़े गए इस बच्चे की किस्मत में सात समंदर पार जाना लिखा होगा.
सड़क किनारे लावारिस मिला था बच्चा
आज ये मासूम 3 साल का है और अब इसके पास माता-पिता दोनों हैं जो इसे सड़क से उठा कर अपने साथ विदेश ले जाने की तैयारी में हैं. ये कहानी शुरू हुई बिहार की राजधानी पटना से सटे हुए दानापुर से. साल 2019 में दिसंबर की वो ठंड थी जब ये बच्चा लावारिस अवस्था में दानापुर के सड़क किनारे पाया गया था. इस दूधमुंहे बच्चे को बेसहारा छोड़ने वाले ने जाने-अनजाने में इसे मारने की पूरी कोशिश की थी. लेकिन कहा न कि मारने वाले से बचाने वाला बड़ा होता है.
अब लावारिस बच्चे को सात समंदर पार से आए दो फरिश्तों का साथ मिला है. इस बच्चे को सब अर्जित कहते हैं और इसे अपनाने के लिए अमेरिका के वॉशिंगटन से एक दंपती दानापुर आए हैं. ‘सृजन विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान’ में अब तक पला अर्जित अब अमेरिकी माता-पिता के साथ विदेश जाएगा और बिहार की सड़कों पर बिलखने वाला ये बच्चा अब अपनी आगे की ज़िंदगी वाशिंगटन की गलियों में खेलते हुए गुजारेगा.