दीपावली से पहले पूर्वी दिल्ली के प्रीत विहार में दिनदहाड़े करोड़ों रुपये की चोरी की गुत्थी को पुलिस ने सुलझा लिया है। पुलिस ने इस संबंध में बिजनौर के सदरुद्दीन गांव के प्रधान समेत कुल पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों की पहचान बिजनौर के नहटौर के गांव सदरुद्दीन निवासी इरफान उर्फ इमरान उर्फ डॉन उर्फ प्रधान, फैसल खान उर्फ फिरोज, राजेश शर्मा, रजिया बेगम उर्फ सुमन और माल का रिसीवर ज्वेलर बिजनौर के गांव सुजातपुर टिक्कर निवासी अर्जुन सैनी के रूप में हुई है। बदमाशों ने 18 अक्तूबर को प्रीत विहार में दवा कारोबारी के यहां से दिनदहाड़े करोड़ों का माल उड़ा लिया था। इस पूरी साजिश को इरफान उर्फ डॉन ने रचा था। मौजूद समय में भी इरफान अपने गांव सदरुद्दीन का दूसरी बार प्रधान है।
इसके खिलाफ पहले से 16 आपराधिक मामले दर्ज हैं। पुलिस ने आरोपियों के पास से 40 लाख कैश, 15 लाख से ज्यादा के जेवरात और लाखों के कीमती पत्थर बरामद करने के अलावा वारदात में इस्तेमाल स्कूटी, बाइक व चोरी करने में इस्तेमाल औजार बरामद किए हैं।
सीसीटीवी फुटेज की जांच करने पर पता चला कि वारदात के समय वहां पर यूपी नंबर की एक स्कूटी पर दो लोग टहल रहे थे। संदिग्ध लगने पर पुलिस स्कूटी की तलाश करते हुए बिजनौर पहुंच गई। स्कूटी को बिना ट्रांसफर करवाए हुई ही चार बार बेचा गया था। जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि स्कूटी गांव सदरुद्दीन निवासी सलमान के पास है। छानबीन में यह भी पता चला कि घटना वाले दिन स्कूटी उसके गांव का प्रधान व उसका रिश्तेदार इरफान मांगकर दिल्ली ले गया था।
पुलिस की एक टीम ने इरफान की तलाश शुरू कर दी। टेक्निकल सर्विलांस की मदद से पता चला कि आरोपी दिल्ली में छिपा हुआ है। जांच के बाद टीम ने 23 अक्तूबर को इरफान, फैसल, रजिया बेगम और राजेश शर्मा को भजनपुरा से गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों ने वारदात में अपना हाथ होने की बात कबूल कर ली। इरफान ने बताया कि उसने फैसल के साथ मिलकर वारदात की थी।
राजेश और रजिया ने वारदात में इनकी मदद की थी। चोरी के लिए औजार भी इन दोनों ने ही उपलब्ध करवाए थे। पुलिस ने आरोपी इरफान और फैसल की रिमांड लेकर उनसे पूछताछ की तो दोनों ने बिजनौर के ज्वेलर अर्जुन सैनी का नाम बताया। अर्जुन को भी बिजनौर से गिरफ्तार कर लिया गया। अर्जुन ने बताया कि उसने सोना पिघलाकर विक्रम मराठा नामक ज्वेलर को बेच दिया है। पुलिस उसकी भी तलाश कर रही है।
विधायक और नेताओं से हैं संबंध
दूसरी बार प्रधान बने इरफान के खिलाफ लूटपाट, डकैती, चोरी और अवैध हथियार रखने के 16 मामले दर्ज हैं। पहली बार वह वर्ष 1992 में हत्या के प्रयास के एक मामले में गिरफ्तार हुआ था। उसका इलाके में खासा दबदबा है। स्थानीय विधायक के अलावा कई बड़े नेताओं से भी उसके संबंध बताए जाते हैं। पुलिस को आशंका है कि लोकल पुलिस से भी उसने ठीक-ठाक साठगांठ की हुई थी। यही वजह है कि जब दिल्ली पुलिस की टीम लोकल पुलिस के पास पहुंची तो वहां थाने के एसओ ने पुलिस की टीम से सहयोग नहीं किया। दिल्ली पुलिस उस एसओ से भी पूछताछ करने का मन बना रही है।
ऐसे किया माल का बंदरबांट
पूछताछ में पता चला कि चोरी के बाद इरफान और फैसल ने गांव के सुनार अर्जुन सैनी से संपर्क किया। आरोपियों ने उसे 1200 ग्राम सोना दिया। 48 लाख में सौदा हुआ, जिसमें से 46 लाख रुपये तीन किस्तों में अर्जुन ने दे भी दिए। पुलिस ने इस रकम में से 40 लाख रुपये, पंद्रह लाख के सोने चांदी के जेवरात और लाखों के कीमत पत्थर बरामद कर लिए। सभी आरोपियों के पास से कैश व सोने, चांदी के अलावा दूसरे जेवरात भी बरामद हुए।