यह मोदी सरकार है, ये नहीं चलेगा…संसद में जब कांग्रेस पर जमकर बरसे अमित शाह

गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि देश को नुकसान पहुंचाने के मकसद से एक भी पैसा बाहर से नहीं आने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि कुछ एनजीओ समाज को स्वस्थ रखते हैं तो कुछ समाज को प्रताड़ित करना चाहते हैं। दोनों के साथ सरकार की नीति एक जैसी नहीं हो सकती।

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देश में नशे की समस्या पर चर्चा का लोकसभा में जवाब देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह

नई दिल्ली: विषय तो था देश में नशे की समस्या का लेकिन गृह मंत्री अमित शाह ने बिना नाम लिए राजीव गांधी फाउंडेशन के बहाने कांग्रेस को घेरने का मौका ढूंढ ही लिया। बुधवार को गृह मंत्री लोकसभा में देश में नशे की समस्या पर चर्चा का जवाब दे रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि देश में कुछ एनजीओ ऐसे होते हैं जो समाज को प्रताड़ित करना चाहते हैं। यह कांग्रेस की नहीं, नरेंद्र मोदी की सरकार है, एफसीआरए का जो पालन नहीं करेगा, उसके साथ बिना मरउव्वत सख्ती की जाएगी।

कुछ एनजीओ ऐसे होते हैं जो भारत के समाज को स्‍वस्‍थ करना चाहते हैं लेकिन कुछ NGO ऐसे होते हैं जो भारत के समाज को प्रताड़‍ित करना चाहते हैं। दोनों के लिए भारत सरकार की नीति एक नहीं होगी। FCRA का जो पालन नहीं करेगा, उसके साथ सख्‍ती की जाएगी, कोई दया का भाव नहीं रखा जाएगा।
लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह

शाह ने नाम तो नहीं लिया उनका इशारा राजीव गांधी फाउंडेशन की तरफ था जिसका सरकार ने एफसीआरए लाइसेंस रद्द कर दिया है। शाह ने कहा, ‘नशामुक्ति के लिए हम एक लाख से ज्यादा शैक्षिक संस्थानों के जरिए जागरूकता फैला रहे हैं। इसमें ढेर सारे एनजीओ भी जुड़े हैं। कुछ एनजीओ ऐसे होते हैं जो भारत के समाज को स्‍वस्‍थ करना चाहते हैं लेकिन कुछ NGO ऐसे होते हैं जो भारत के समाज को प्रताड़‍ित करना चाहते हैं। दोनों के लिए भारत सरकार की नीति एक नहीं होगी। FCRA का जो पालन नहीं करेगा, उसके साथ सख्‍ती की जाएगी, कोई दया का भाव नहीं रखा जाएगा। विदेश से आए हुए धन का सोर्स राज्‍य की निगरानी में हो, ऐसा नहीं चलेगा। जब आपकी सरकार थी, बहुत चला लिया। यह नरेंद्र मोदी की सरकार है, देश को खत्म करने के लिए देश में एक पाई भी हम नहीं आने देंगे।’

एक हफ्ते पहले भी गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि चीन के दूतावास से धन हासिल करने के बाद ही राजीव गांधी फाउंडेशन का एफसीआरए लाइसेंस रद्द किया गया था। उन्होंने संसद भवन परिसर में पत्रकारों से बातचीत में कहा था कि राजीव गांधी फाउंडेशन को 2005-06 और 2006-07 के वित्तीय वर्ष में चीनी दूतावास से 1 करोड़ 35 लाख रुपए का अनुदान प्राप्त हुआ था, जो कानून और उसकी मर्यादाओं के अनुरूप नहीं था इसलिए गृह मंत्रालय ने फाउंडेशन का एफसीआरए (विदेशी अनुदान नियमन कानून) पंजीकरण रद्द किया। शाह ने यह भी दावा किया कि कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के नेतृत्व वाले फाउंडेशन को इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (आईआरएफ) के संस्थापक जाकिर नाइक से 50 लाख रुपये मिले। आईआरएफ को सरकार ने आतंकवाद में कथित संलिप्तता के लिए प्रतिबंधित कर दिया था।