इंसानियत इसी का नाम है! बिना घर के रह रहे थे बच्चे, केरल की महिला शिक्षकों ने बनवा दिए 150 मकान

Indiatimes

कुछ कहानियां दिल को छू लेने वाली होती हैं. केरल के कोच्चि में पड़ने वाले थोप्पुमद्य से आई दो महिला शिक्षकों की कहानी कुछ ऐसी है. इन दोनों ने बेघरों के लिए 150 घर बनवाकर साबित कर दिया कि इंसानियत से बड़ा कोई धर्म नहीं होता है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एक स्कूल की प्रधानाचार्य सिस्टर लिजी चक्कलकल और उनकी सहकर्मी ने स्कूल के शिक्षकों और सम्पन्न छात्रों के परिजनों से मदद लेकर इस नेक काम को मंजिल तक पहुंचाया.

 

बेघरों के लिए घर बनवाने की शुरुआत स्कूल के ही एक गरीब बच्चे से हुई थी, जिसके पास रहने के लिए घर नहीं था. महिला शिक्षकों ने इसे गंभीरता से लिया और सबसे इस संदर्भ में अधिक से अधिक लोगों से बात की. अंतत: वो चंदे से इस बच्चे के लिए घर बनवाने में सफल रहीं. आगे इन दोनों महिला शिक्षकों ने तय किया कि वो इस कारवां को आगे बढ़ाएंगीं. इसी क्रम में वो अब तक लोगों की मदद से बेघरों के लिए 150 घर बनवा चुकी हैं.

homeANI

समाज को सिस्टर लिजी चक्कलकल जैसे ही लोगों की जरूरत है.