साइबेरिया में हजारों साल पुराने शेर के शावक का जमा हुआ जीवाश्म मिलने के बाद प्रकृति ने एक बार फिर से विज्ञान को हैरान कर दिया है. ये शेर का हजारों साल पुराना शावक साइबेरिया के एक पर्माफ्रॉस्ट में पाया गया है. प्रकृति के गोद में ये शावक इतनी अच्छी तरह संरक्षित है कि इसकी मूंछें भी अच्छी तरह से देखी जा सकती हैं.
मिला 28000 साल पुराना जीवाश्म
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शेर के शावक का ये जीवाश्म 28 हजार साल पुराना बताया जा रहा है. इस संबंध में स्वीडन के शोधकर्ताओं का कहना है कि शावक का उपनाम स्पार्टा है, जो हिमयुग जानवरों में सबसे अच्छी तरह संरक्षित है. उसके दांत, त्वचा और कोमल उतक सभी बर्फ के कारण ममीफाइड हो गए. यहां तक कि उसके अंग भी बरकरार हैं. स्पार्टा उन शेरों के शावकों में से एक है, जिसे रूस के पूर्वोत्तर में स्तिथ याकुटिया के पर्माफ्रॉस्ट में पाया गया था.
यहां 40,000 साल पुराने जीवाश्म भी पाए गए
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इसे 2018 में यहां के स्थानीय निवासी बोरिस बेरेज़नेव द्वारा खोजा गया था. बोरिस विशाल दांतों की तलाश में था, इसी दौरान ये शावक का जीवाश्म मिला था. वन्यजीवों का शिकार और व्यापार प्रतिबंधित होने के कारण दांतों के शिकारी बर्फीले इलाकों में प्राचीन हाथीदांत खोजते हैं.
जलवायु परिवर्तन के साथ पर्माफ्रॉस्ट कमजोर हो रहे हैं, और दांतों के शिकारियों के लिए मौसम लंबा होता जा रहा है. अब इन इलाकों में अधिक और प्राचीन जानवरों के अवशेष मिल रहे हैं. पिछले कुछ वर्षों में साइबेरिया के लोगों द्वारा 40 हजार साल पुराने जानवरों के जीवाश्म भी खोजे गए हैं. यहां खोजे गए जानवरों में ऊनी गैंडों, भेड़ियों, भूरे भालू, घोड़े, और बाइसन शामिल हैं, जिन्हें पर्माफ्रॉस्ट से बाहर निकाला गया है.
ये बर्फ के मैदान कभी इन जानवरों का घर थे
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इन बर्फीले मैदानों में इन जानवरों के जीवाश्म मिलने के बाद ये माना जा रहा है कि ये बर्फ के मैदान किसी समय में बड़े स्तनधारियों का घर हुआ करते थे. जिस जगह पर बेरेज़नवे ने स्पार्टा को खोजा है उससे 15 मीटर की दूरी ही एक और शेर का शव खोजा गया था. इसका नाम बोरिस था जो थोड़ा ज्यादा गल चुका था.
स्वीडन के शोधकर्ताओं के मुताबिक दोनों के जमने में ज्यादा समय का फर्क नहीं है. ये जीवाश्म प्राचीन जानवरों को समझने और उनके बारे में जानकारी जुटाने में मदद पहुंचाते हैं. जैसे कि प्राचीन केव लायन यानी गुफा शेरों के बारे में दुनिया को ज्यादातर जानकारी जीवाश्मों से ही मिली है.
प्राचीन जानवरों के अस्तित्व के सबसे बड़े सबूत पर्माफ्रॉस्ट में पाए गए ममीकृत शरीर ही होते हैं. उनके जमे हुए शरीर आधुनिक शेरों के ही समान दिखते हैं. हालांकि ये मोती त्वचा वाले होते थे और इनके शरीर पर ज्यादा बाल नहीं थे. वहीं अफ्रीकी शेरों में पाए जाने वाले गर्दन के बाल इन गुफा शेरों में नहीं हैं.
गुफा की पुरानी पेंटिंग्स में भी इन पर बाल देखने को नहीं मिलते हैं. साइंस अलर्ट के मुताबिक विशेषज्ञों का कहना है कि ये शेर अगर बड़े होते तो इनके बाल हल्के भूरे रंग के होते.