देश में बढ़ती महंगाई के बीच आम जनता को एक बार फिर झटका लग सकता है। दुनियाभर में गैस की भारी किल्लत (Global Gas Crunch) हो गई है। इसका असर अप्रैल से भारत पर भी दिखने लग सकता है और यहां भी गैस की कीमत (Domestic Gas Prices) दोगुनी हो सकती है।
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गौरतलब है कि रूस अपनी अंतरमहाद्वीपीय पाइपलाइनों के माध्यम से पूरे यूरोप में गैस का प्रमुख आपूर्तिकर्ता है। यूक्रेन संकट से आपूर्ति बाधित हो सकती है। हालांकि, यूक्रेन (Ukraine) में बढ़ते तनाव ने युद्ध की आशंकाओं को बढ़ा दिया है, जिसका गैस की लागत पर कई गुना प्रभाव हो सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, गैस की कीमत 2.9 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू से बढ़कर 6-7 डॉलर तक जा सकती है। यह प्रभाव अप्रैल तक दिखाई दिया जा सकता है, जब रसोई गैस की कीमतों में संशोधन किया जाएगा।
बता दें कि वैश्विक संकट के चलते सीएनजी, पीएनजी और बिजली की कीमतों में वृद्धि की संभावना है, जिससे परिवहन की लागत और उद्योगों के परिचालन खर्च में भी बढ़ोतरी होगी। उपभोक्ताओं को इन सभी कारकों के प्रत्यक्ष प्रभाव का सामना करना पड़ सकता है। वैश्विक अर्थव्यवस्था कोरोना (Corona) महामारी के प्रकोप से बाहर जरूर निकल रही है, लेकिन दुनियाभर में ऊर्जा की बढ़ती मांग के कारण इसकी आपूर्ति में कमी आ सकती है।