उत्तर प्रदेश के कई क्षेत्र इस समय बाढ़ की चपेट में हैं. इन्हीं में से एक जिला है अंबेडकरनगर, जहां घाघरा नदी में आए उफान के कारण लोग भीषण बाढ़ की मार झेल रहे हैं. आपदा के दौरान बचाव कार्य भी जारी हैं. लोगों तक भोजन और दवाईयां पहुंचाई जा रही हैं. इन सबके साथ बाढ़ पीड़ितों को हिम्मत और प्यार के दो बोल की भी जरूरत रहती है. लेकिन यहां के जिलाधिकारी बाढ़ पीड़ितों से हिम्मत के दो बोल बोलने में भी असमर्थ दिखे.
IAS का दो टुक जवाब
अंबेडकरनगर का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. इस वीडियो में यहां के जिलाधिकारी सैमुअल पॉल एन नजर आ रहे हैं. वीडियो में वह बाढ़ पीड़ित लोगों से ये कहते दिख रहे हैं कि सरकार जोमैटो सर्विस नहीं चला रही, जो घर-घर खाना पहुंचाएगी. जिलाधिकारी का ये वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और इसे देखने के साथ लोग उनकी कड़ी आलोचना कर रहे हैं.
जोमैटो सर्विस नहीं चला रहे
Jagran
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो में जिलाधिकारी सैमुअल पॉल एन को बाढ़ चौकी के पास ग्रामीणों से ये कहते हुए सुना जा सकता है कि, ‘बाढ़ चौकियों पर रुकने की व्यवस्था है, क्लोरीन टेबलेट दे देंगे, किसी को कोई समस्या नहीं आएगी. कोई बीमार होगा तो डॉक्टर आकर देख लेगा. इसलिए बाढ़ चौकी स्थापित होती है. बाढ़ चौकी का क्या मतलब है अगर आप लोग घर पर रहेंगे तो, क्या हम लोग घर पर पहुंचवाएंगे खाना. जोमैटो सर्विस थोड़ी चला रहे हैं हम लोग. जोमैटो थोड़ी न चला रही है सरकार.’
हो रही आलोचना
डीएम ने लोगों से आगे कहा कि 500 मीटर या एक किलोमीटर के दायरे में बाढ़ राहत शिविर स्थापित किए गए हैं, जहां शौचालय की सुविधा, पेयजल, चिकित्सा स्वास्थ्य शिविर और अन्य आवश्यक व्यवस्था है. उन्होंने निचले इलाकों में रहने वाले लोगों से बाढ़ राहत शिविरों में पहुंचने का अनुरोध किया. इसके अलावा वहां राहत किट भी बांटी जा रही हैं.
डीएम का वीडियो वायरल होने के बाद लोग उनकी बात से नाराज हैं. सोशल मीडिया पर उनकी आलोचना हो रही. इसके साथ ही सोशल मीडिया यूजर्स उन्हें ‘असंवेदनशील’ अफसर कह रहे हैं.