ब्रेन ट्यूमर, आपके मस्तिष्क में असामान्य कोशिकाओं के संग्रह की स्थिति है। सामान्यतौर पर हमारा मस्तिष्क बहुत कठोर हड्डी, जिसे खोपड़ी के रूप में जाना जाता है, उससे घिरा होता है। ऐसे में इसके बीच होने वाली किसी भी तरह की असामान्य वृद्धि गंभीर समस्याओं का कारण बन सकती है।
ब्रेन ट्यूमर, कैंसर कारक (घातक) या गैर-कैंसर वाला, दोनो हो सकता है। ऐसे में इसके लक्षणों की पहचान कर तुंरत इलाज प्रारंभ कर देना चाहिए जिससे स्थिति को बढ़ने से रोका जा सके। शोध बताते हैं कि 5-10 फीसदी ब्रेन ट्यूमर के मामले आनुवांशिक कारकों के कारण होते हैं।
ब्रेन ट्यूमर के लक्षण, ट्यूमर के स्थान और आकार पर निर्भर करते हैं। कुछ ट्यूमर, मस्तिष्क के ऊतकों पर आक्रमण करके सीधे नुकसान पहुंचाते हैं जबकि कुछ आसपास के मस्तिष्क के हिस्सों पर दबाव डालते हैं। सामान्यतौर पर जब ट्यूमर आपके मस्तिष्क के ऊतकों पर दबाव डालने लगते हैं तो इसके लक्षण गंभीर रूप लेने शुरू हो जाते हैं। ब्रेन ट्यूमर के लक्षण सिरदर्द से शुरू होकर झटके आने जैसी गंभीर समस्या में परिवर्तित हो सकते हैं।
ब्रेन ट्यूमर कई कारणों से विकसित हो सकते हैं। प्राइमरी ब्रेन ट्यूमर तब शुरू होता है जब सामान्य कोशिकाएं अपने डीएनए में परिवर्तन (म्यूटेशन) विकसित कर लेती हैं। कुछ मामलों के लिए इसमें आनुवांशिकता को कारक के रूप में देखा जाता है। इसके अलावा रसायनों और रेडिएशन के संपर्क में अधिक रहने वाले लोगों में भी समय के साथ ब्रेन ट्यूमर विकसित होने का खतरा हो सकता है। अपने जोखिम कारकों को समझते हुए
वैसे तो ब्रेन ट्यूमर से बचाव के उपाय नहीं हैं, हालांकि धूम्रपान और अत्यधिक रेडिएशन जैसे पर्यावरणीय खतरों से बचकर ब्रेन ट्यूमर के विकास के जोखिम को कम किया जा सकता है।
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