जानलेवा हो सकती है यह समस्या, जानिए ब्रेन ट्यूमर के लक्षण से लेकर इलाज के बारे में विस्तार से

पिछले एक दशक में मस्तिष्क में ट्यूमर बनने के मामले काफी बढ़े हुए रिपोर्ट किए जा रहे हैं। ब्रेन ट्यूमर की स्थिति, मस्तिष्क में असामान्य कोशिकाओं की वृद्धि को कहा जाता है। इसके कई कारण हो सकते हैं, हालांकि सबसे आवश्यक है इस बीमारी का समय रहते पहचान किया जाना। ब्रेन ट्यूमर का अगर समय रहते पहचान और इलाज नहीं हो पाता तो यह स्थिति जानलेवा भी हो सकती है।

ब्रेन ट्यूमर के बारे में जागरूकता फैलाने और लोगों को शिक्षित करने के उद्देश्य से हर साल 8 जून को विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस मनाया जाता है। इस साल का थीम है- टूगेदर वी आर स्ट्रॉन्गर, यानी कि एक साथ मिलकर इस खतरे से मुकाबला किया जा सकता है।

ब्रेन ट्यूमर के मामले हर साल बढ़ते हुए रिपोर्ट किए जा रहे हैं। दुनियाभर में साल 2020 में अनुमानित 308,102 लोगों में ब्रेन ट्यूमर के प्रारंभिक मामलों का निदान किया गया। यह कम उम्र के बच्चों के लिए भी चिंता का कारण बना हुआ है। साल 2020 में अमेरिका में 15 वर्ष से कम आयु के लगभग 4,170 बच्चों में ब्रेन ट्यूमर की समस्या का पता चला। ब्रेन ट्यूमर के निदान के बाद इलाज सहित जीवित रहने की दर लगभग 31% है। 100 में से 40 लोग (40%) 1 साल या उससे अधिक समय तक कैंसर की स्थिति में जीवित रह सकते हैं।  आइए इस गंभीर समस्या के बारे में विस्तार से समझते हैं।

ब्रेन ट्यूमर की समस्या

ब्रेन ट्यूमर, आपके मस्तिष्क में असामान्य कोशिकाओं के संग्रह की स्थिति है। सामान्यतौर पर हमारा मस्तिष्क बहुत कठोर हड्डी, जिसे खोपड़ी के रूप में जाना जाता है, उससे घिरा होता है। ऐसे में इसके बीच होने वाली किसी भी तरह की असामान्य वृद्धि गंभीर समस्याओं का कारण बन सकती है।

ब्रेन ट्यूमर, कैंसर कारक (घातक) या गैर-कैंसर वाला, दोनो हो सकता है। ऐसे में इसके लक्षणों की पहचान कर तुंरत इलाज प्रारंभ कर देना चाहिए जिससे स्थिति को बढ़ने से रोका जा सके। शोध बताते हैं कि 5-10 फीसदी ब्रेन ट्यूमर के मामले आनुवांशिक कारकों के कारण होते हैं। 

मस्तिष्क में ट्यूमर की समस्या

ब्रेन ट्यूमर के लक्षण, ट्यूमर के स्थान और आकार पर निर्भर करते हैं। कुछ ट्यूमर, मस्तिष्क के ऊतकों पर आक्रमण करके सीधे नुकसान पहुंचाते हैं जबकि कुछ आसपास के मस्तिष्क के हिस्सों पर दबाव डालते हैं। सामान्यतौर पर जब ट्यूमर आपके मस्तिष्क के ऊतकों पर दबाव डालने लगते हैं तो इसके लक्षण गंभीर रूप लेने शुरू हो जाते हैं। ब्रेन ट्यूमर के लक्षण सिरदर्द से शुरू होकर झटके आने जैसी गंभीर समस्या में परिवर्तित हो सकते हैं।

  • सिरदर्द के साथ उल्टी की समस्या।
  • धुंधली दृष्टि।
  • किसी अंग या चेहरे के हिस्से की कमजोरी
  • मानसिक रूप से कामकाज में दिक्कत।
  • लिखने या पढ़ने में कठिनाई
  • सुनने, स्वाद लेने या सूंघने की क्षमता में कमी।
  • अक्सर बेहोशी की दिक्कत।
मस्तिष्क में ट्यूमर की समस्या

ब्रेन ट्यूमर कई कारणों से विकसित हो सकते हैं। प्राइमरी ब्रेन ट्यूमर तब शुरू होता है जब सामान्य कोशिकाएं अपने डीएनए में परिवर्तन (म्यूटेशन) विकसित कर लेती हैं। कुछ मामलों के लिए इसमें आनुवांशिकता को कारक के रूप में देखा जाता है। इसके अलावा रसायनों और रेडिएशन के संपर्क में अधिक रहने वाले लोगों में भी समय के साथ ब्रेन ट्यूमर विकसित होने का खतरा हो सकता है। अपने जोखिम कारकों को समझते हुए ब्रेन ट्यूमर की सर्जरी

ब्रेन ट्यूमर मस्तिष्क के किस हिस्से में है और इसका आकार कितना बड़ा है, इसके आधार पर इलाज की प्रक्रियाओं को प्रयोग में लाया जाता है। दवाइयों से लेकर सर्जरी और रेडिएशन थेरपी जैसे उपाय करके ब्रेन ट्यूमर की समस्या को ठीक किया जा सकता है। यदि ब्रेन ट्यूमर ऐसी जगह पर स्थित है जो ऑपरेशन से निकाला जा सकता है, तो डॉक्टर्स इसके लिए सर्जरी कराने की सलाह देते हैं।

वैसे तो ब्रेन ट्यूमर से बचाव के उपाय नहीं हैं, हालांकि धूम्रपान और अत्यधिक रेडिएशन जैसे पर्यावरणीय खतरों से बचकर ब्रेन ट्यूमर के विकास के जोखिम को कम किया जा सकता है।
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