इस बार 55 लाख लोग चुनेंगे नई सरकार, यह है सबसे ज्यादा दूरदराज का मतदान केंद्र

मुख्य चुनाव आयुक्त मनीष गर्ग ने कहा कि राज्य में इस बार कुल 55 लाख सात हजार 261 वोटर हैं। इनमें 28 लाख 47 हजार 740 पुरुष वोटर, 27 लाख 27 हजार 16 महिला जबकि 37 थर्ड जेंडर मतदाता हैं, जबकि दिव्यांग वोटरों की संख्या 56,001 हो गई है। इनके अलावा 67 हजार 532 सर्विस वोटर हैं। मतदाताओं का यह पूरा आंकड़ा 55 लाख 74 हजार 793 है। मनीष गर्ग ने कहा कि भरमौर विधानसभा क्षेत्र में चसक भटोरी पोलिंग स्टेशन प्रदेश में सबसे ज्यादा दूरदराज का मतदान केंद्र है, यहां पहुंचने के लिए करीब 14 किलोमीटर पैदल जाने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि इस बार जिन स्टेशन में तीन किलोमीटर से ज्यादा पैदल चलना पड़ता है, उनमें पोलिंग पार्टियों को विशेष बैग मुहैया करवाए जाएंगे, ताकि ईवीएम और वीवीपैट आसानी से पहुंचाए जा सकें। समुद्र तल से सबसे अधिक ऊंचाई पर टशीगंग (15256 फीट) पोलिंग स्टेशन स्थापित किया गया है। कुल 65 पोलिंग स्टेशन की ऊंचाई 10 हजार फीट से ज्यादा की है। 20 पोलिंग स्टेशन की ऊंचाई 12000 फीट से ज्यादा है। सबसे कम ऊंचाई वाला मतदान केंद्र चिंतपूर्णी विधानसभा क्षेत्र का दुसाड़ा है, यहां की ऊंचाई 300 फीट है। इस बार चुनाव का अनुमानित खर्च 75 करोड़ 76 लाख रुपए आने की संभावना है।

हिमाचल में 7881 मतदान केंद्र, हटेंगे होर्डिंग-बैनर

हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए 7881 पोलिंग बूथ बनाए गए हैं। राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी मनीष गर्ग ने शिमला में पत्रकार वार्ता में कहा कि 2017 के चुनाव की तुलना में 356 पोलिंग बूथ ज्यादा है। इनमें से 142 पोलिंग बूथ महिला कर्मचारियों द्वारा संचालित किए जाएंगे। इन बूथों पर ड्यूटी भी महिला पुलिस कर्मियों की ही लगाई जाएगी। 37 पोलिंग स्टेशन दिव्यांग कर्मी संचालित करेंगे। हर विधानसभा में दो आदर्श मतदान केंद्र भी स्थापित किए जाएंगे। इन मतदान केंद्रों में बैठने, पेयजल और बच्चों को संभालने समेत चिकित्सा का प्रबंध किया जाएगा। मनीष गर्ग ने कहा कि आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। ऐसे में आगामी चौबीस घंटे में वे सभी पोस्टर हटा दिए जाएंगे जो सरकार की योजना का बखान कर रहे थे।

378 केंद्र अति संवेदनशील

हिमाचल में इस बार 378 मतदान केंद्र अति संवेदनशील तय किया गया है। जबकि 902 मतदान केंद्र संवेदनशील घोषित किए गए हैं। इस बार विधानसभा चुनाव में 67 सीएपीएफ की कंपनियां तैनात की जाएंगी। इसके साथ ही पड़ोसी राज्यों से सटी सीमाओं पर स्थापित चौकियों में सीसीटीवी और पुलिस कर्मचारियों के प्रबंध किए जाएंगे। इस संबंध में पुलिस विभाग से बातचीत चल रही है। पड़ोसी राज्यों के साथ लगती सीमाओं पर 110 सीसीटीवी कैमरा लगाकर निगरानी की जाएगी। इनमें पुलिस व होमगार्ड जवानों के अलावा 67 केंद्रीय पुलिस बलों कंपनियां मांगी गई है, जो विधानसभा चुनाव में सुरक्षा का जिम्मा संभालेगी।