पांवटा साहिब, 16 सितंबर : पांवटा विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस के टिकट को लेकर तगड़ा घमासान है। पूर्व विधायक किरनेश जंग को इस दफा टिकट के लिए सिख समुदाय की तगड़ी चुनौती मिल रही है। वहीं संख्या बल में सबसे ज़्यदा बाहती समुदाय के नेता जगदीश चौधरी भी टिकट के तलबगारों में शामिल है। सिख समुदाय अल्पसंख्यक कोटे की दुहाई देकर टिकट की मांग कर रहा है।
पूर्व विधायक रतन सिंह के पोते हरप्रीत सिंह टिकट की दौड़ में जी-जान लगाए हुए है। वहीं युवा कांग्रेसी व विक्रमादित्य सिंह की यूथ ब्रिगेड के सदस्य व व्यवसाई अवनीत सिंह लांबा टिकट पाने के लिए जद्दोजहद कर रहे है। वह होली लॉज से अपनी नजदीकियों के चलते टिकट पाने की आस लगाए हुए है।
उधर, किरनेश जंग की भी प्रतिभा सिंह व विक्रमादित्य सिंह से काफी नजदीकियां है, इस कारण होली लॉज के सामने टिकट की पैरवी करना मुश्किल हो रहा है। उनके लिए सबसे बड़ा धर्म संकट ये है कि दोनों उनके खासमखास हैं। ऐसे में किसी एक को टिकट मिलने से दूसरे का नाराज होना स्वाभाविक है। इसके चलते होली लॉज दोनों के मध्य सुलह करवा सकता है।
वहीं हरप्रीत सिंह अपने स्वर्गीय दादा रतन सिंह के विधायक के रूप में किए गए कार्यों के आधार पर टिकट पाने की जुगत भिड़ा रहे है। राजनीतिक पंडित उन्हें टिकट के लिए सुखविंदर सिंह सुक्खू व केंद्रीय नेता आनंद शर्मा का वरदहस्त होने की बात कह रहे है। पंजाब कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ सिख कांग्रेसी नेता भी उनके टिकट के लिए लॉबिंग कर रहे है। इनमें पंजाब के एक पूर्व मुख्यमंत्री के सांसद पोते का नाम भी शामिल है। कुल मिलाकर टिकट की लड़ाई कांग्रेस में रोचक बनी हुई है। ऊंट किस करवट बैठेगा ये तो समय ही बताएगा। मगर टिकट के सारे तलबगार चुनावी मैदान में पुरे जोर शोर से लगे हुए है।
गौरतलब है कि पूर्व विधायक सरदार रतन सिंह के बाद सरदार ओंकार सिंह 2012 में अल्पसंख्यक कोटे से टिकट लेकर आए थे। तब किरनेश जंग ने निर्दलीय लड़कर इस सीट पर विजय प्राप्त की थी। बाद में वह कांग्रेस के एसोसिएट विधायक बनकर 2017 में कांग्रेस का टिकट लेकर आए थे, मगर उन्हें इन चुनावों में हार का समाना करना पड़ा था। इस दफा वह कांग्रेस के टिकट के लिए पूर्ण आश्वस्त थे। अचानक हरप्रीत सिंह ने टिकट के लिए अप्लाई कर उनकी राह को कठिन बना दिया है।