हिमाचल में स्क्रब टाइफस से इस साल पहली मौत, मरीज ने आईजीएमसी में तोड़ा दम

हिमाचल प्रदेश में स्क्रब टाइफस जानलेवा हो गया है। प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी (IGMC SHIMLA) में सोलन के रहने वाले 55 साल के व्यक्ति की स्क्रब टाइफस से मौत हो गई है। इस साल इस बीमारी से मरने वाले यह पहले मरीज है। बरसात के बाद तेजी से इस संक्रमण के मामले बढऩे बढऩा शुरू हो जाते हैं। मरीज आईजीएमसी के आइसोलेशन वार्ड में एडमिट था।
जानकारी के अनुसार सोलन के रहने वाले सुभाष को तीन दिन पहले आईजीएमसी में भर्ती कराया गया था। स्क्रब टायफस की पुष्टि होने के बाद मरीज को आइसोलेशन वार्ड में रखा गया था। जहां पर उपचार के दौरान 55 साल के मरीज की मौत हो गई। हिमाचल में स्क्रब टाइफस से इस साल मौत का ये पहला मामला सामने आया है। आईजीएमसी के प्रशासनिक अधिकारी डॉ. राहुल गुप्ता ने मौत की पुष्टि की है। राज्य में अभी तक स्क्रब टाइफस के 56 पॉजिटिव मामले आ चुके हैं। इस साल अब तक स्क्रब टायफस 600 मरीजों के सैंपल लिए जा चुके हैं। जिनमें से 56 मरीज ही पॉजिटिव मिले हैं।

कैसे फैलता है स्क्रब टायफस

ये बीमारी ज्यादातर बरसात के मौसम में फैलती है। स्क्रब टाइफस एक जीवाणु से संक्रमित पिस्सू के काटने से फैलता है। जो खेतों, झाडिय़ों व घास में रहने वाले चूहों में पनपता है। जीवाणु चमड़ी के माध्यम से शरीर में फैलता है। जिससे मरीज को तेज बुखार आता है।

स्क्रब टायफस के लक्षण

स्क्रब टायफस के लक्षण किसी आम बुखार की तरह ही होते हैं इसलिए एक्सपर्ट की सलाह है कि बरसात के सीजन में अगर कहीं खेत, घास या झाडिय़ों के संपर्क में आए हों तो इसकी जानकारी भी डॉक्टर को दें, ताकि स्क्रब टायफस को ध्यान में रखते हुए इलाज मिले। इसके लक्षणों में तेज बुखार, सिरदर्द, सर्दी लगना, शरीर में दर्द, ऐंठन, जकडऩ, शरीर में दाने या चकत्ते होना है।