ISRO ने सफलतापूर्वक अपना रडार इमेजिंग उपग्रह EOS-04 लॉन्च किया. इसरो का PSLV-C52 अपने साथ दो छोटे उपग्रहों को भी लेकर गया है. यह इसरो द्वारा 2022 का पहला लॉच है जिसे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में मौजूद सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के पहले लॉन्च पैड से अपने गनतव्य भेजा गया गया. इस मौके पर आइए भारत के उन वैज्ञानिकों से मिलते हैं जिन्होंने भारत में Space Science को पंख दिए.
1. एपीजे अब्दुल कलाम
Agencies
कलाम एक एयरोस्पेस वैज्ञानिक और भारत के 11वें राष्ट्रपति थे. एक शोधकर्ता के रूप में कलाम ने विक्रम साराभाई के नेतृत्व में काम किया. साल 1969 में कलाम इसरो से जुड़े और उनके मार्गदर्शन में, SLV-III ने 1980 में रोहिणी उपग्रह का सफल प्रक्षेपण किया
2. होमी जे. भाभा
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होमी जे. भाभा को भारत में परमाणु अनुसंधान के जनक के रूप में जाना जाता है. वे टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च में फिजिक्स के संस्थापक निदेशक थे. उन्होंने भारत में परमाणु हथियार विकसित करने में अहम भूमिका निभाई
3. विक्रम साराभाई
Times of India
विक्रम साराभाई भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक बनकर उभरे. उनके प्रयासों से भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन का निर्माण हुआ. उन्होंने थुम्बा में भारत का पहला रॉकेट लॉन्चिंग स्टेशन शुरू किया
4. सतीश धवन
ISRO
उन्होंने भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. वे इसरो के तीसरे अध्यक्ष बने.
5. उडुपी रामचंद्र राव
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उडुपी रामचंद्र राव को ‘भारत के सैटेलाइट मैन’ के रूप में जाना जाता है. राव के योगदान ने 1975 में भारत के पहले उपग्रह आर्यभट्ट के प्रक्षेपण में मदद की. 2013 में, राव सैटेलाइट हॉल ऑफ फ़ेम में शामिल होने वाले पहले भारतीय बने.