जहां भारत के हर कोने में कोई ना कोई मंदिर बसा हुआ है. उनमें से कई मंदिर अपने चमत्कारों और रहस्य के लिए जाने जाते हैं. वहीं कुछ मंदिरों में पुरुषों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा हुआ है और यहां केवल महिलाएं ही एंट्री कर सकती हैं. तो आइए एक नज़र डालते हैं उन मंदिरों पर जहां पुरुष की नो एंट्री है.
1. कुमारी अम्मन मंदिर (कन्याकुमारी)
यह मंदिर भारत के तमिलनाडु के कन्याकुमारी में स्थित है. इसे 52 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है. मान्यता है कि इस मंदिर में पार्वती ने शिव जी को पाने के लिए तपस्या की थी. इसलिए इस मंदिर में विवाहित पुरुषों का जाना सख्त मना है और अविवाहित पुरुष जा सकते हैं. इस मंदिर में केवल महिलाएं ही देवी की पूजा-अर्चना कर सकती हैं.
2. राजराजेश्वरी माता मंदिर( मुजफ्फरपुर)
बिहार के मुजफ्फरपुर में स्थित राजराजेश्वरी माता मंदिर में एक निश्चित समय के दौरान पुरुषों की एंट्री पर बैन लगा दिया जाता है. इतना ही नहीं पुरुष पुजारी भी उन विशेष दिनों के दौरान मंदिर में प्रवेश नहीं कर पाते हैं. मान्यता है कि इस मंदिर में देवी षोडशी विराजमान हैं और वह कुवांरी कन्या हैं इसलिए महीने के 4 दिन मासिक धर्म होता है. उस वक्त पुरुषों का मंदिर में प्रवेश करना वर्जित है.
3. अट्टुकल भगवती मंदिर ( केरल)
इस मंदिर में हर साल पोंगाला त्योहार आयोजित किया जाता है. जहां पर लाखों महिलाएं इकट्ठा होती है और 10 दिनों तक यह त्योहार मनाया जाता है. इस दौरान मंदिर के अंदर पुरुषों की एंट्री पर बैन होता है. इतना ही नहीं इस मंदिर के नाम वर्ल्ड रिकॉर्ड भी दर्ज है क्योंकि यहां पर महिलाओं की सबसे बड़ी सभा हुई थी.
4. ब्रह्मा जी का मंदिर ( राजस्थान)
राजस्थान के पुष्कर में स्थित दुनिया के एकमात्र ब्रह्माजी का मंदिर है. इस मंदिर में विवाहित पुरुषों के जाने की मनाही है. मान्यता है कि जब भगवान ब्रह्मा अपनी पत्नी सरस्वती की प्रतीक्षा कर रहे थे तो उन्हें एक यज्ञ के दौरान देवी गायत्री के साथ बैठना पड़ा था और जिसकी वजह से सरस्वती माता नाराज हो गई थीं. उन्होंने शाप दिया था कि उनकी कभी भी पूजा नहीं की जाएगी. इसलिए इस मंदिर के गर्भगृह में विवाहित पुरुषों का जाना वर्जित है.
5. कामाख्या देवी मंदिर (असम)
6. कोत्तानकुलांगारा मंदिर (केरल)
केरले के तिरुअनंतपुरम में स्थित इस मंदिर की अनोखी परंपरा है. इस मंदिर में पुरुषों को अंदर जाने के लिए महिला रूप धारण करना पड़ता है यानि महिलाओं के कपड़े पहनने पड़ते हैं. इस मंदिल में मां लक्ष्मी विराजमान हैं. इस मंदिर में हर वर्ष चाम्याविलक्कू त्योहार आयोजित किया जाता है, इस दौरान आने वाले आदमी औरतों की तरह कपड़े और गहने पहनकर एंट्री पाते हैं.
7. सकलडीहा का मंदिर (चंदौली)
यूपी के चंदौली जिले के सकलडीहा कस्बे में 120 साल पुराना मंदिर स्थित है. इस मंदिर को संत श्रीपथ ने बनवाया था और यह मंदिर महिलाओं की जीत और पुरुषों की हार का प्रतीक है. इसलिए कहते हैं कि इस मंदिर में पुरुषों के प्रवेश करने पर उनकी किस्मत खराब हो जाती है.