Meerut Conversion: धर्मांतरण के खेल में शामिल प्रेमा, रीना और तितली नामक आरोपी महिलाओं ने कोरोना काल में यह खेल शुरू किया। राशन से लेकर बीमारी और शिक्षा तक में वे लोग मदद करती रहीं। इस खेल में करोड़ों रुपये की कथित फंडिग का मामला सामने आया है। वहीं कुछ लोगों ने करोड़ों की कीमत की जमीन पर कब्जा जमाने को इस मुद्दे के उठाने की पीछे की वजह करार दिया है।
मेरठ: उत्तर प्रदेश के मेरठ में धर्मांतरण का मामला खुलने के बाद परत दर परत कई बातें सामने आ रही हैं। पिछले लंबे समय से चल रहे इस खेल में शामिल 3 महिलाओं सहित 8 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। ये लोग आर्थिक तौर पर कमजोर वर्ग की हर अवसर पर मदद कर उन्हें अपना बनाते थे। इसके बाद धर्मांतरण के जाल में उलझाते थे। इस खेल में करोड़ों रुपये की कथित फंडिग का मामला सामने आया है। वहीं कुछ लोगों ने करोड़ों की कीमत की जमीन पर कब्जा जमाने को इस मुद्दे के उठाने की पीछे की वजह करार दिया है।
मेरठ का इंटेलिजेंस विभाग सहित पुलिस भी अब धर्मांतरण के मुद्दे पर विस्तार से जांच में जुटी है। मतांतरण के नाम पर कौन फंडिंग कर रहा है? कहां से इतना रुपया और किस हवाले से आ रहा है? इसकी भी जांच हो रही है। प्रेमा, रीना और तितली नामक आरोपी महिलाओं ने कोरोना काल में यह खेल शुरू किया। राशन से लेकर बीमारी तक में वे लोग मदद करती रहीं। साथ ही झुग्गी बस्ती के बच्चों को भी अच्छी पढ़ाई का भरोसा दिया करती थीं।
झुग्गी बस्ती में रहने वाले निक्कू, बिनवा, अनिल, सरदार, बसंत, छबीली उर्फ शिवा भी इन लोगों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम किया करते थे। अनिल दिल्ली में रहने वाले महेश पास्टर नामक शख्स से जुड़ा हुआ था, जो धर्मांतरण के मकसद को पूरा करने के लिए हर महीने मोटी रकम मुहैया कराता था। वहीं कुछ लोगों का कहना है कि मंगतपुर की जिस जमीन पर गरीब परिवार झुग्गी डालकर रहते हैं, उस पर कई बिल्डरों की नजर है। इसीलिए मतांतरण के इस खेल को जानबूझकर उठाया गया है।
इंटेलिजेंट सूत्रों की मानें तो ये काम कोरोना काल से भी पहले से चल रहा है। ये धर्मांतरण गैंग उन स्थानों पर अपना फोकस रखते हैं, जहां पर आर्थिक तंगी और झाड़ फूंक में विश्वास रखते हों। वही ये पहले घरों में छोटी-छोटी सभा करते हैं। इसके बाद में इलाके में छोटी आमसभा कर लोगों को रुपये और खाद्य सामग्री देकर उन्हें धर्मांतरण के लिए तैयार करते हैं। ऐसे कई क्षेत्रों की पुलिस को जानकारी मिली है। जिनमें थाना टीपी नगर, थाना किठौर, थाना गंगा नगर, थाना ब्रह्मपुरी, थाना लालकुर्ती, थाना कंकरखेड़ा, थाना सरधना आदि स्थानों पर इस गैंग की कई टीमें सक्रिय हैं।
गैंग का मास्टरमाइंड दिल्ली निवासी महेश पास्टर का नाम सामने आया है। महेश ही अपने नीचे लोगों की चेन बनाकर इस काम में अलग-अलग क्षेत्रों में धर्मांतरण के लिए लोगों को लगा देता है, जो ईसाई धर्म का प्रचार-प्रसार कर मुफ्त में ईसाई धर्म की पुस्तक देना और खाने-पीने की वस्तु से अलग रुपयों से भी गरीब परिवारों की मदद कर उन्हे तैयार किया जाता है। ऐसी कई टीमें मेरठ में सक्रिय हैं, जो अब खुफिया विभाग के टारगेट पर हैं।