राष्ट्रीय लोक अदालत में किया गया हाजारों मामलों का निपटारा
प्रताप भारद्वाज । प्री-लिटिगेशन और लंबित मामलों के लिए हिमाचल प्रदेश के सभी न्यायालयों मे 13 मई, 2023 को न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान, कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश, हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय और कार्यकारी अध्यक्ष, हिमाचल प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान, कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश, राष्ट्रीय लोक अदालत के साथ-साथ एम०वी० चालान मामलों के लिए हि०प्र० पुलिस विभाग और परिवहन विभाग के सहयोग से एक विशेष ऑनलाइन लोक अदालत भी आयोजित की गई। हि०प्र० पुलिस विभाग पार्टियों को संदेश भेजने और कंपाउंडिंग शुल्क ऑनलाइन जमा करने के लिए ऑनलाइन पोर्टल का भी उपयोग किया गया। ट्रैफिक मजिस्ट्रेट के न्यायालयों में मोटर वाहन चालान के मामले में ई-पे (ई-कोर्ट डिजिटल भुगतान) के माध्यम से कंपाउंडिंग शुल्क के भुगतान की ऑनलाइन सुविधा भी प्रदान की गई थी।
राष्ट्रीय लोक अदालत के बारे में संदेश, जिंगल और आई०ई०सी० सामग्री के वितरण और स्थानीय निकायों के हितधारकों, गैर सरकारी संगठनों, पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों, पैरा लीगल वालंटियर्स, सार्वजनिक परिवहन सेवाओं आदि के माध्यम से जनता को जागरूक किया गया। न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान, कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश, हिमाचल प्रदेश ने जिला मुख्यालय मंडी में राष्ट्रीय लोक अदालत की कार्यवाही का व्यक्तिगत रूप से पर्यवेक्षण किया और हितधारकों/वादकारों के साथ बातचीत भी की।
ऑनलाइन लोक अदालत में 200105 एमवी चालान के मामलों की सुनवाई की गई, जिनमें से 6950 मामलों का निपटारा किया गया और ₹69,80,100/- कंपाउंडिंग शुल्क वसूल किया गया। राष्ट्रीय लोक अदालत में निपटारे के लिए विभिन्न पीठों के समक्ष 85,500 मामले उठाए गए, जिनमें से लगभग 29,433 मामलों का निपटारा/ निपटान किया गया और लगभग ₹53.00 करोड़ की राशि राष्ट्रीय लोक अदालत में दावेदारों को वसूल/पुरस्कृत की गई थी।
अगली राष्ट्रीय लोक अदालत 9 सितम्बर, 2023 को आयोजित की जाएगी। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश ने जिला मुख्यालय मण्डी में लीगल ऐड डिफेंस काउंसेल सिस्टम के कार्यालय का भी उद्घाटन किया। लीगल ऐड डिफेंस काउंसेल सिस्टम “पब्लिक डिफेंडर सिस्टम” के अनुरूप आपराधिक मामलों में कानूनी सहायता और प्रतिनिधित्व प्रदान करती है। समाज के कमजोर और सीमांत वर्गों को प्रभावी और कुशल कानूनी सेवाएं प्रदान करने के लिए अदालत आधारित विधिक सेवाओं को मजबूत करने की आवश्यकता है।
लीगल ऐड डिफेंस काउंसेल सिस्टम में वकीलों की पूर्णकालिक रूप से अपनी विधिक सहायता प्राप्त मामलों मे अपनी सेवाएँ देने के लिए चयनित किया गया है और जो शुरुयाती दौर मे जिला मुख्यालयों में आपराधिक मामलों में विधिक सहायता से संबन्धित कार्यों को देखेंगे तथा यदि संभव हुया तो तालुका या ऑनलाइन न्यायालयों मे भी विधिक सहायता से संबन्धित कार्यों मे अपनी सेवाएँ देंगे।
लीगल ऐड डिफेंस काउंसेल सिस्टम कार्यालय के तहत विभिन्न कार्यों का संचालन किया जाएगा:
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण और फ्रंट ऑफिस में आने वाले सभी व्यक्तियों को कानूनी सलाह और सहायता।
सभी आपराधिक न्यायालयों जैसे सत्र न्यायालय, विशेष न्यायालयों और कार्यकारी मजिस्ट्रेट न्यायालयों सहित न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालयों में सभी विविध कार्यों सहित प्रतिनिधित्व/परीक्षण और अपील का संचालन।
रिमांड और जमानत का काम संभालना।
आवश्यकता पड़ने पर अथवा नालसा की योजना के अनुसार गिरफ्तारी से पूर्व विधिक सहायता प्रदान करना।
जिला न्यायालयों से संबंधित या जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव द्वारा सौंपा गया कोई अन्य कानूनी सहायता कार्य करना।
सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के मार्गदर्शन में जिले की जेलों का समय-समय पर दौरा करना।
लीगल ऐड डिफेंस काउंसेल सिस्टम कार्यालयों को प्रदेश के सभी जिलों मे संचालित किया जा चुका है।