तीन बच्चों की अमृत सरोवर में डूबकर मौत, परिवार वालों को खेत पर देने गए थे खाना

बरेली में दर्दनाक हादसा हुआ है। यहां तीन बच्चों की अमृत सरोवर में डूबने से मौत हो गई। तीनों बच्चे दोपहर में परिवार वालों को खेत पर खाना देने गए थे। घटना के बाद एसडीएम नवाबगंज राजीव शुक्ला और सीओ चमन सिंह चावड़ा ने गांव पहुंचकर परिजन से घटना की जानकारी ली।

तीन बच्चों की इसी अमृत सरोवर में डूबने से मौत हुई
तीन बच्चों की इसी अमृत सरोवर में डूबने से मौत हुई

बरेली के भोजीपुरा इलाके के गांव मिलक अलीनगर में मंगलवार को तीन बच्चों की अमृत सरोवर में डूबने से मौत हो गई। तीनों खेत पर परिजन को खाना देने गए थे। लौटते समय अमृत सरोवर में नहाने लगे। गहरे पानी में जाने से तीन डूब गए।

ग्रामीणों के मुताबिक हादसे का शिकार हुए अशीष (8) पुत्र सुभाष, सुमित (7) पुत्र राजेश और लव सागर (7) पुत्र राजेश शामिल हैं। तीनों ही बच्चों के परिवार मजदूरी करते हैं। मंगलवार दोपहर आशीष, सुमित और लव अपने-अपने पिता के लिए खाना लेकर खेतों पर गए थे। खाना देने के बाद लौटते समय अमृत सरोवर में नहाने लगे।

तालाब घुसते ही तीनों बच्चे गहरे पानी में जाने से डूब गए। आसपास मवेशी चरा रहे गांव के बच्चों ने उन्हें डूबता देखा तो गांव जाकर खबर दी। सूचना पर तमाम ग्रामीण मौके पर पहुंच गए और बच्चों को निकालकर भोजीपुरा स्थित मेडिकल कॉलेज ले गए। जहां डॉक्टरों ने तीनों बच्चों को मृत घोषित कर दिया। घटना के बाद एसडीएम नवाबगंज राजीव शुक्ला और सीओ चमन सिंह चावड़ा ने गांव पहुंचकर परिजन से घटना की जानकारी ली।

सुरक्षा दीवार न होने से गई मासूमों की जान

प्रदेश सरकार अमृत सरोवर योजना के तहत तालाबों का सौंदर्यीकरण करा रही है। सुरक्षा दीवार न होने से यह तालाब मौत का सरोवर बन गया। आशीष दो बहनों में अकेला भाई था। सुमित अपने माता-पिता की इकलौती संतान था, जबकि लव के दो भाई और एक बहन है।

ग्रामीणों का आरोप है कि मिलक अलीनगर और शाहपुर टाडा के तालाब प्रधानों ने आसपास ही खुदवाए हैं। नियमानुसार तालाबों पर सुरक्षा दीवार बनाई जानी थी लेकिन नहीं बनवाई गई। पिछले दिनों हुई बारिश से तालाबों पानी भी काफी भर गया था।