मनाली के निजी स्कूल के तीन बच्चे टीबी से संक्रमित

मनाली स्थित एक निजी स्कूल के तीन बच्चे टीबी से संक्रमित पाए गए हैं। इससे वर्ष 2023 तक हिमाचल को टीबी मुक्त राज्य बनाने के प्रदेश सरकार के लक्ष्य को तगड़ा झटका लगा है। मिली जानकारी के अनुसार 28 मई को मनाली के क्लाथ में स्थित इंडो स्विस बौद्धिस्ट स्कूल के दो बच्चों को पिछले काफी दिनों से खांसी की शिकायत थी। वे एक निजी क्लीनिक में अपना चेकअप करवाने पहुंचे। उनके टीबी के सैंपल लेकर मनाली सिविल अस्पताल भेजे गए तो इनमें से एक बच्चे की रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई।

इसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों को दी गई। संक्रमित बच्चे के प्राइमरी कांटैक्ट की ट्रेसिंग के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बराण से स्कूल पुहंची। टीम ने पाया कि 10 प्राइमरी कांटैक्ट का मोंटोक्स टेस्ट नागरिक अस्पताल मनाली और निजी क्लीनिक मनाली में किया गया था। इनमें से 8 प्राइमरी कांटैक्ट मोंटोक्स पॉजिटिव पाए गए। स्वास्थ्य विभाग ने इनके बलगम के टेस्ट ट्रूनॉट के लिए सिविल अस्पताल मनाली भेजे तो इनमें से दो और विद्यार्थी टीवी संक्रमित पाए गए। विभाग ने इन बच्चों को एकदम से दवाइयां देनी शुरू कर दी हैं।

इनमें से तीन अन्य की रिपोर्ट नेगेटिव पाई गई है, जबकि तीन बच्चों की रिपोर्ट का अभी इंतजार किया जा रहा है। बता दें कि स्कूल में कुल 87 बच्चे हैं जबकि पांच अन्य स्टाफ के सदस्य हैं। 29 लोगों में पिछले 10 दिनों से खांसी, जुकाम और बुखार के लक्षण पाए गए हैंं। स्वास्थ्य विभाग ने टीबी की जांच के लिए सोमवार को स्कूल पहुंच कर बलगम के सैंपल लिए। चार सैंपल ट्रूनॉट के लिए नागरिक अस्पताल मनाली और 25 सैंपल सीवीनॉट के लिए कुल्लू जोनल अस्पताल भेजे गए हैं जिनकी रिपोर्ट आनी बाकी है।

9 बच्चों को आज करवाया जाएगा एडमिट

स्कूल के 9 बच्चे जिनकी आयु 6 से 7 वर्ष के बीच है उनको बुधवार को नागरिक अस्पताल में दाखिल किया जाएगा। इनका गैस्टिक लेवाज का सैंपल लेकर सीवीनॉट जांच के लिए कुल्लू जोनल अस्पताल भेजा जाएगा। बता दें कि इन बच्चों की उम्र कम होने के चलते ये बच्चे बलगम का सैंपल नहीं दे सकते हैं, जिसके चलते इनके गैस्टिक लेवाज के सैंपल लिए जाएंगे।

मोंटोक्स टेस्ट

मोंटोक्स टेस्ट को ट्यूबरकलिन त्वचा परीक्षण भी कहते हैं इसमें मरे हुए टीबी के कीटाणु को त्वचा में इंजेक्ट किया जाता है। यदि व्यक्ति संक्रमित होगा तो इंजेक्शन की जगह पर एक गांठ बन जाएगी जिसका अर्थ है कि टीबी के कीटाणुओं ने शरीर को संक्रमित किया है।

ट्रूनॉट-सीवीनॉट टेस्ट

ट्रूनॉट और सीवीनॉट टेस्ट को जीनएक्सपर्ट परीक्षण के नाम से जाना जाता है जो टीबी के लिए एक मॉलिक्युलर परीक्षण है जो टीबी बैक्टीरिया की उपस्थिति का पता लगाने के साथ-साथ दवा रिफम्पिसिन के प्रतिरोध के लिए परीक्षण करके टीबी का निदान
करता है।
गैस्टिक लेवाज टेस्ट: गैस्टिक लेवाज में मुंह या नाक के माध्यम से पेट तक एक ट्यूब पहुंचाई जाती है जिसके माध्यम से पेट से सैंपल लेकर टेस्ट के लिए भेजा जाता है।