वर्तमान में 63 कर्मचारी ही चयन आयोग में सेवाएं दे रहे हैं। स्टाफ की कमी के चलते मौजूदा कर्मचारियों पर काम का अत्यधिक दबाव है।
हिमाचल प्रदेश के विभिन्न सरकारी विभागों, बोर्डों और निगमों को कर्मचारी उपलब्ध करवाने वाला कर्मचारी चयन आयोग खुद स्टाफ की कमी से जूझ रहा है। आयोग में चेयरमैन का पद खाली है। जबकि, आयोग सदस्य के चार पदों में से दो पद खाली चल रहे हैं। भर्तियों में कानूनी पेचीदगियों को दूर करने समेत अभ्यर्थियों के परीक्षा केंद्र बदलने, गंभीर मामलों में उनकी उम्मीदवारी को रद्द करने समेत अन्य अहम निर्णय लेने का अधिकार आयोग के चेयरमैन के पास है। लेकिन, यह पद वर्तमान में खाली है। वहीं, आयोग में 22 विभिन्न श्रेणियों के कुल सृजित 100 पदों में से 37 पद खाली चल रहे हैं।
वर्तमान में 63 कर्मचारी ही आयोग में सेवाएं दे रहे हैं। स्टाफ की कमी के चलते मौजूदा कर्मचारियों पर काम का अत्यधिक दबाव है। बीमारी और किसी अन्य काम से छुट्टी पर जाने के दौरान आयोग में स्थिति चिंताजनक हो जाती है। आयोग की ओर से हर साल विभिन्न विभागों, निगमों और बोर्डों में खाली पदों को भरने के लिए सैकड़ों पदों पर भर्तियों के लिए आवेदन आमंत्रित किए जाते हैं।
इन श्रेणियों के 37 पद खाली चल रहे
कर्मचारी चयन आयोग में अनुभाग अधिकारी के तीन पद खाली हैं। निजी सचिव का एक पद, अधीक्षक ग्रेड दो के चार पद, निजी सहायक का एक पद, वरिष्ठ सहायक के 9 पद, लिपिक का एक पद, जूनियर स्केल स्टेनोग्राफर का एक पद, जूनियर ऑफिस असिस्टेंट के 11 पद, चपरासी के दो पद और चौकीदार का एक पद खाली है।
कर्मचारी चयन आयोग में चेयरमैन और सदस्यों के खाली दो पदों को प्रदेश सरकार की ओर से ही भरा जाना है। जबकि, आयोग के कार्यालय में विभिन्न श्रेणियों के 37 पद खाली हैं, इस बारे में सरकार से अनुमति मांगी गई है। – डॉ. जितेंद्र कंवर, सचिव, हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर।