तिब्बत विद्रोह दिवस: धर्मशाला में फूंका चीन के राष्ट्रपति का पुतला, निकाली आक्रोश रैली

63वें विद्रोह दिवस के मौके पर मैकलोडगंज से लेकर धर्मशाला 10 किलोमीटर तक रैली निकाली। तिब्बत की आजादी को लेकर चीन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। 
अपने 63वें विद्रोह दिवस के मौके पर तिब्बत समुदाय के हजारों लोगों ने धर्मशाला में चीन सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। मैकलोडगंज से लेकर धर्मशाला 10 किलोमीटर तक रैली निकाली। तिब्बत की आजादी को लेकर चीन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। नारों में कहा कि भारत-तिब्बत देश का चीन ही एक दुश्मन है। चीन दोनों देशों में अशांति फैला रहा है। रैली के दौरान चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग का पुतला भी जलाया।

रैली में तिब्बतियन यूथ कांग्रेस, तिब्बती महिला एसोसिएशन, नेशनल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ तिब्बत और स्टूडेंट फॉर ए फ्री तिब्बत इंडिया सहित कई संगठनों ने भाग लिया।  तिब्बती समुदाय के लोगों ने नारेबाजी कर संयुक्त राष्ट्र संघ और विश्व के अन्य देशों के प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वे चीन पर दबाव बनाएं। विश्व समुदाय को चीन की कैद में पंचेन लामा सहित अन्य कैदियों को रिहा कराने के भी प्रयास करने चाहिए। 

भारत-तिब्बत का एक दुश्मन है चीन : सूंडू

तिब्बती लेखक और एक्टिविस्ट तेंजिन सूंडू ने कहा कि 63 साल पहले तिब्बती भारत आए थे। आज तक हम तिब्बत की आजादी के लिए लड़ रहे हैं। भारत और तिब्बत का एक ही दुश्मन चीन है। चीन ने गलवान घाटी में भी भारत की पीठ में छुरा घोंपा है। एक दिन ऐसा जरूर आएगा जब हम सब तिब्बत की आजादी के बाद तिब्बत जाएंगे। तिब्बती धर्मगुरू दलाईलामा भी तिब्बत जाएंगे।