रैली में तिब्बतियन यूथ कांग्रेस, तिब्बती महिला एसोसिएशन, नेशनल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ तिब्बत और स्टूडेंट फॉर ए फ्री तिब्बत इंडिया सहित कई संगठनों ने भाग लिया। तिब्बती समुदाय के लोगों ने नारेबाजी कर संयुक्त राष्ट्र संघ और विश्व के अन्य देशों के प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वे चीन पर दबाव बनाएं। विश्व समुदाय को चीन की कैद में पंचेन लामा सहित अन्य कैदियों को रिहा कराने के भी प्रयास करने चाहिए।
तिब्बती लेखक और एक्टिविस्ट तेंजिन सूंडू ने कहा कि 63 साल पहले तिब्बती भारत आए थे। आज तक हम तिब्बत की आजादी के लिए लड़ रहे हैं। भारत और तिब्बत का एक ही दुश्मन चीन है। चीन ने गलवान घाटी में भी भारत की पीठ में छुरा घोंपा है। एक दिन ऐसा जरूर आएगा जब हम सब तिब्बत की आजादी के बाद तिब्बत जाएंगे। तिब्बती धर्मगुरू दलाईलामा भी तिब्बत जाएंगे।