भारत से कई किलोमीटर दूर लंदन में 143 करोड़ रुपये में नीलाम हुई टीपू सुल्तान की सोने की तलवार, बना वर्ल्ड रिकॉर्ड

Indiatimes

मंगलवार को टीपू सुल्तान की बेडचैंबर तलवार की नीलामी हुई, लंदन में हुई एक नीलामी में यह 1.4 करोड़ पाउंड (143 करोड़ रुपये से अधिक) में बिकी. नीलामी घर बोनहम्स की एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, यह इतिहास में एक भारतीय और इस्लामी वस्तु की बिक्री का एक नया विश्व रिकॉर्ड है.

टीपू सुल्तान की तलवारें लंदन में 143 करोड़ रुपये में नीलाम हुईं

बोन्हाम्स में इस्लामिक और भारतीय कला के समूह प्रमुख, नीमा साघार्ची ने बताया तलवार का एक असाधारण इतिहास, जो एक आश्चर्यजनक कारीगरी और बेजोड़ शिल्प का कौशल है. उन्होंने बताया कि नीलामी के दौरान दो बोली लगाने वाले के बीच बड़ी गर्मजोशी से मुकाबला हुआ. हम इसके परिणाम से खुश हैं.

tipu-sultans-swordBonhams Auction House

अंग्रेजों के खिलाफ युद्ध में पराजित होने के बाद मैसूर शासक टीपू सुल्तान के शयनकक्ष से ब्रिटिश सैनिकों द्वारा यह तलवार प्राप्त की गई थी. इसे 4 मई, 1799 को श्रीरंगपटम में शेर-ए-मैसूर के महल से टीपू के शहीद होने के बाद उठाया गया था. ब्लेड पर “शासक की तलवार” लिखा हुआ है.

नीलामी शुरू होने से पहले, ओलिवर व्हाइट, जो बोनहम्स के इस्लामी और भारतीय कला प्रमुख हैं, ने कहा, “यह शानदार तलवार टीपू सुल्तान से जुड़े सभी हथियारों में सबसे महान है, जो अभी भी निजी हाथों में है. सुल्तान के साथ इसका घनिष्ठ व्यक्तिगत जुड़ाव, इसकी त्रुटिहीन उत्पत्ति का पता उसी दिन से चल गया था, जब इसे कब्जा कर लिया गया था. इसके निर्माण में उत्कृष्ट शिल्प कौशल इसे यूनिक और अत्यधिक वांछनीय बनाता है.”

टीपू सुल्तान के मारे जाने के बाद तलवार मेजर जनरल डेविड बेयर्ड को उपहार में दी गई थी

Representative Image Representative Image

तलवार के स्टील के ब्लेड पर एक शिलालेख जोड़ा गया है कि सोने की मुड़ी हुई तलवार मेजर जनरल डेविड बेयर्ड को उसके साहस और उस हमले में उनके उच्च सम्मान के प्रतीक के रूप में प्रस्तुत की गई थी. उस हमले का नेतृत्व बेयर्ड ने की थी, जिसमें टीपू सुल्तान मारे गए थे.

हालांकि अभी तक, इस बारे में कोई खबर नहीं आई है कि वास्तव में इतिहास के सबसे महंगे टुकड़े को कौन अपने घर ले गया है. बोनहम्स ने भी तलवार के मालिक की डिटेल्स देने से इंकार कर दिया है.

यह तलवार केवल टीपू सुल्तान से संबंधित नहीं है, बल्कि जनजातीय कला के लिए एक प्रसिद्ध शोकेस भी है. जो इसके सोने की मूठ पर खुदा हुआ है. तलवार की मूठ राजस्थान की जनजातियों द्वारा शाही हथियार की कला से तैयार कर कोफ्तगरी सजावटी काम से सजाया गया है. ऐसा माना जाता है कि टीपू के पास यह ऐतिहासिक तलवार 1782 से 1799 तक थी.

tipu-sultan-swordBonhams Auction House

विजय माल्या के पास भी थी यह तलवार

NBT की एक रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2003 तक यह तलवार बेयर्ड के परिवार के पास थी. इसके बाद इसे लंदन में डिक्स नूनन वेब में 150,000 पाउंड में नीलाम कर दिया गया था. साल 2004 में विजय माल्‍या ने 1.5 करोड़ रुपए अदा करके इसे खरीद लिया था. मगर, साल 2016 में माल्या ने इस तलवार को यह कहकर वापस कर दिया था कि तलवार की वजह से उनका खराब समय शुरू हुआ था.