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ट्रॉली में तिरंगा लगाकर पैदल ही दिल्ली रवाना
इन युवाओं ने 30 फीट के तिरंगे को एक ट्रॉली में फिट किया है। वो इसे खींचते हुए ‘भारत माता की जय’ का नारा लगाते रोजाना 35 से 40 किलोमीटर की दूरी तय कर रहे हैं। मंगलवार देर शाम तक उनका काफिला बिहार के बॉर्डर को पार करके यूपी में दाखिल हो गया। तिरंगा यात्रा में गुड्डू यादव का साथ सिद्धार्थ गुप्ता और हर्ष उर्फ आदित्य कुमार दे रहे हैं। तीनों पूर्वी चंपारण के चकिया के रहने वाले हैं। मुजफ्फरपुर में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं।
इसलिए शुरू की है तिरंगा यात्रा
गुड्डू यादव ने बताया कि हमारा देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। हम खुद को भाग्यशाली मानते हैं कि हमने यहां जन्म लिया। आज के अधिकांश युवा आजादी दिलाने वाले को भूल गए हैं। हम इस तिरंगा यात्रा के माध्यम से देश के युवाओं को एकजुट करने की एक छोटी सी कोशिश कर रहे। दिल्ली राजघाट पर देश के वीर सपूतों को श्रद्धांजलि देने के बाद 15 अगस्त को लाल किले पर होने वाले समारोह में भी शामिल होने की योजना है।
30 फीट का तिरंगा गुजरता देख लोग ले रहे सेल्फी
तिरंगा यात्रा में शामिल छात्र सिद्धार्थ गुप्ता बताते हैं कि देश की सेवा करना उनका सपना है। जब हम 30 फीट का तिरंगा लेकर सड़क से गुजरते हैं तो लोगों की नजर ठहर सी जाती है। खासकर युवा उनके साथ खूब सेल्फी खींच रहे हैं।
स्कूल या मठ मन्दिर में करते हैं रात्रि विश्राम
पैदल दिल्ली राजघाट तक चलने वाले तिरंगा यात्रा में शामिल हर्ष उर्फ आदित्य कुमार महज 18 साल के ही हैं। सेना में शामिल होकर देश की सेवा करना उनका सपना है। उनका कहना है कि इस यात्रा में शामिल होकर वह काफी खुश हैं। दिनभर चलने के बाद जब थक जाते हैं तो एनएच किनारे किसी सरकारी स्कूल या मठ मंदिर में रात्रि विश्राम करते हैं।
चंद्रशेखर आजाद और भगत सिंह को मानते हैं आदर्श
तीनों युवाओं का कहना है कि हम खुशनसीब हैं कि हमें आजाद भारत में जन्म मिला है। आज के युवा जो आजादी का मतलब भूल गए हैं उनको आजादी कैसे मिली इसके बारे में बताने को वे पैदल ही तिरंगा लेकर निकले हैं। हम भगत सिंह और चंद्रशेखर आजाद को अपना आदर्श मानते हैं।