तिरुपति बालाजी मंदिर में 50000 से लेकर 1 लाख श्रद्धालु हर रोज आते हैं। विशेष मौकों जैसे सालाना ब्रह्मोत्सवम और त्योहारों पर श्रद्धालुओं की संख्या बढ़कर 4-5 लाख भी हो जाती है। भक्त यहां सोना, चांदी, कैश, जमीन के कागजों के अलावा डी मैट शेयर भी चढ़ावे में रखते हैं।
अमरावती: तिरुपति बालाजी देश के सबसे धनवान भगवान माने जाते हैं। भारत में जितने भी मंदिर हैं, उन सबसे ज्यादा संपत्ति, सोना, चांदी, कैश किसी के पास है तो वह है आन्ध्र प्रदेश का तिरुपति बालाजी मंदिर। तिरुपति बालाजी भगवान वेंकटेश्वर का मंदिर है। भगवान वेंकटेश्वर को विष्णु का अवतार माना जाता है। मंदिर के पास मौजूदा समय में 10000 किलो सोना, 12000 करोड़ रुपये की एफडी और 1100 से भी ज्यादा की अचल संपत्ति है। तिरुपति बालाजी मंदिर तिरुमाला की पहाड़ियों पर बना है। इसे मंदिर को भगवान विष्णु के आठ स्वयंभू मंदिरों में से एक माना जाता है। यह मंदिर दक्षिण भारतीय वास्तुकला और शिल्पकला का नायाब नमूना है। मंदिर दक्षिण द्रविड़ शैली में बना है। मंदिर के दाएं भाग में अनंदा निलियम में भगवान वेंकटेश्वर की सात फीट ऊंची प्रतिमा विराजमान है। खासबात यह है कि यह मूर्ति दाईं ओर स्थापित है लेकिन देखने में यह मध्य में लगती है। इस मंदिर में देश के कोने-कोने से लेकर विदेश तक के लोग आते हैं।
तिरुपति मंदिर में आने वाले लोग खूब दिल खोलकर दान देते हैं। वह अपने सिर के बालों का भी दान देते हैं। शरीर में पहनकर आए सोने-चांदी के गहने भी उतारकर मंदिर में चढ़ा देते हैं। कई तो किलो के हिसाब में सोना दान करते हैं। मंदिर को इतना दान मिलता है कि यह देश का सबसे अमीर मंदिर बन गया है।
10,000 किलोग्राम सोने का मालिक
साल 2020 की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम ट्रस्ट के पास 9,000 किलोग्राम शुद्ध सोना जमा है। हालांकि बीते दो वर्षों में यह सोना और बढ़ गया होगा और माना जा रहा है कि यह 10000 किलो से भी ज्यादा होगा। साल 2020 में TTD अधिकारियों ने कहा था कि दान में आया 7,235 किलो सोना देश के दो बैंकों में जमा है और लगभग 1,934 किलो सोना खजाने में रखा हुआ है। TTD के सोने के खजाने में भक्तों की ओर से चढ़ाई गई 553 किलो की छोटी जूलरी और अन्य सोने के आइटम शामिल हैं।
एफडी में 12000 करोड़ से ज्यादा हैं जमा
तिरुपति बालाजी मंदिर में 50000 से लेकर 1 लाख श्रद्धालु हर रोज आते हैं। विशेष मौकों जैसे सालाना ब्रह्मोत्सवम और त्योहारों पर श्रद्धालुओं की संख्या बढ़कर 4-5 लाख भी हो जाती है। भक्त यहां सोना, चांदी, कैश, जमीन के कागजों के अलावा डी मैट शेयर भी चढ़ावे में रखते हैं। मंदिर, हुंडी कलेक्शन या दान से हर साल 1,000 से लेकर 1200 करोड़ रुपये तक की कमाई करता है। तिरुपति मंदिर के 12,000 करोड़ से ज्यादा रुपये अलग-अलग बैंकों में फिक्स्ड डिपॉजिट के रूप में जमा होने का अनुमान है। यह भी अनुमान है कि बैंकों में रखे सोने से भी मंदिर को ब्याज में 100 किलो से ज्यादा सोना हर साल मिलता है।
कितने एकड़ जमीन
नवंबर 2020 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम के पास पूरे देश में 1128 अचल संपत्तियां हैं, जो कुल मिलाकर 8,088.89 एकड़ जमीन पर फैली हुई हैं। इनमें से 233 कृषि भूमि हैं, जो 2,085.41 एकड़ में फैली हुई हैं। बाकी 895 एसेट्स गैर कृषि भूमि है, जो मुख्यत: हाउस साइट्स हैं और 6,003.48 एकड़ में फैली हैं। तिरुपति बालाजी मंदिर की कुल संपत्ति को लेकर आधिकारिक तौर पर जानकारी उपलब्ध नहीं है। मंदिर में भगवान बालाजी की मूति समेत अन्य मूर्तियां डायमंड स्टडेड गोल्ड ज्वैलरी और एंटीक्स से सुसज्जित हैं, जिनकी कीमत कई सौ करोड़ है।
मंदिर का संचालन जंबो बोर्ड के पास
अपार संपत्ति वाले इस मंदिर का संचालन 81 सदस्यीय जंबो बोर्ड के हाथ में है। पिछले साल आंध्र प्रदेश सरकार ने जंबो बोर्ड के गठन को लेकर तीन अलग-अलग आदेश जारी किए थे। बोर्ड में अध्यक्ष के अलावा 24 नियमित और चार पदेन सदस्यों के साथ-साथ 52 विशेष आमंत्रित सदस्य नामित हैं। टीटीडी ट्रस्ट का नया बोर्ड केन्द्रीय मंत्रिमंडल से भी बड़ा है। केन्द्रीय मंत्रिमंडल में प्रधानमंत्री समेत 78 सदस्य हैं।
दान पाने के मामले में दुनिया का सबसे अमीर मंदिर
आंध्र प्रदेश का तिरुपति मंदिर भारत का दूसरा सबसे अमीर मंदिर है। वहीं दान प्राप्ति के मामले में यह दुनिया का सबसे अमीर मंदिर है। तिरूपति मंदिर भगवान वेंकटश्वर को समर्पित है, जिन्हें विष्णुजी का अवतार माना जाता है। ये मंदिर समुद्र तल से 2800 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। मंदिर की मासिक आय लगभग 200-220 करोड़ रुपये है।