Title Sponsor of BCCI : घरेलू डिजिटल पेमेंट कंपनी पेटीएम (Paytm) ने साल 2019 में बीसीसीआई के साथ टाइटल स्पॉन्सरशिप को 4 साल के लिए आगे बढ़ाया था। उस समय एक मैच के लिए 3.80 करोड़ रुपये में डील हुई थी। इसके पहले पेटीएम ने बीसीसीआई के साथ साल 2015 में चार साल की टाइटल स्पॉन्सरशिप डील की थी।
एक मैच के 3.80 करोड़ रुपये
घरेलू डिजिटल पेमेंट कंपनी पेटीएम (Paytm) ने साल 2019 में बीसीसीआई के साथ टाइटल स्पॉन्सरशिप को 4 साल के लिए आगे बढ़ाया था। उस समय एक मैच के लिए 3.80 करोड़ रुपये में डील हुई थी। इसके पहले पेटीएम ने बीसीसीआई के साथ साल 2015 में चार साल की टाइटल स्पॉन्सरशिप डील की थी। यह डील 2.4 करोड़ प्रति मैच पर हुई थी। मास्टरकार्ड पेटीएम द्वारा छोड़ी डील पर साल 2023 तक के लिए टाइटल स्पॉन्सर बनने पर सहमत हो गया है।
पेटीएम ने बीच में ही छोड़ी डील
सौदे की अवधि पूरी होने से पहले ही पेटीएम ने डील तोड़ दी है। पेटीएम ने बीसीसीआई से टाइटल स्पॉन्सर के अधिकार मास्टरकार्ड को सौंपने का अनुरोध किया था। पेटीएम के इस अनुरोध को बोर्ड ने मान लिया है। अब साल 2023 तक मास्टरकार्ड ही बीसीसीआई का टाइटल स्पॉन्सर होगा। एक रिपोर्ट के अनुसार, बीसीसीआई के अधिकारी ने कहा, ‘पेटीएम ने टाइटल स्पॉन्सर के अधिकारों को ट्रॉन्सफर करने के लिए अनुरोध भेजा था। बोर्ड में किसी तीसरे पक्ष को अधिकार सौंपने का प्रावधान है। अब नए स्पॉन्सर के साथ अनुबंध दो हफ्ते में पूरा कर लिया जाएगा। नया पक्ष साल 2023 तक टाइटल स्पॉन्सर के रूप में बना रहेगा।’
ये कंपनियां भी खत्म करना चाहती हैं डील
अनएकेडमी और अपस्टॉक्स भी आईपीएल के लिए बीसीसीआई के साथ अपनी एसोसिएट पार्टनर्स की डील को खत्म करना चाहते हैं। बता दें कि पेटीएम से पहले ओप्पो ने भी भारतीय टीम जर्सी स्पॉन्सरशिप डील को बीच में छोड़ दिया था। कंपनी ने अपने अधिकार बायजूस को ट्रांसफर किये थे। आईपीएल में भी कुछ ऐसा ही हुआ है। वीवो ने हाल ही आईपीएल के साथ अपनी डील को बीच में ही छोड़ दिया और अधिकार टाटा ग्रुप को दे दिए।