कैंसर से पीड़ित मरीज कीमो वार्ड से लेकर मेडिकल स्टोर तक इंजेक्शन के लिए भटक रहे हैं। बावजूद उन्हें जरूरी इंजेक्शन नहीं मिल पा रहा है। टांडा अस्पताल में कीमोथैरेपी करवाने वाली एक बुजुर्ग महिला ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि डॉक्टर ने थैरेपी के लिए पर्ची पर एक इंजेक्शन लिखा था।
हिमाचल प्रदेश के दूसरे सबसे बड़े डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज और अस्पताल टांडा में पिछले एक हफ्ते से कैंसर मरीजों को कीमोथैरेपी के लिए आवश्यक इंजेक्शन नहीं मिल पा रहे हैं। इससे कैंसर रोगियों खासकर हिमकेयर और आयुष्मान कार्डधारक मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कैंसर से पीड़ित मरीज कीमो वार्ड से लेकर मेडिकल स्टोर तक इंजेक्शन के लिए भटक रहे हैं। बावजूद उन्हें जरूरी इंजेक्शन नहीं मिल पा रहा है। टांडा अस्पताल में कीमोथैरेपी करवाने वाली एक बुजुर्ग महिला ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि डॉक्टर ने थैरेपी के लिए पर्ची पर एक इंजेक्शन लिखा था। एक हफ्ता बीत जाने के बाद भी उन्हें वह इंजेक्शन नहीं मिल पा रहा है।
अब तो इंजेक्शन के बारे में जानकारी करने के लिए जब फोन किया जा रहा है, तो फोन भी नहीं उठाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि एक इंजेक्शन न मिल पाने की वजह से उनके इलाज में लगातार देरी होती जा रही है। थैरेपी के लिए इंजेक्शन न मिल पाने से सैकड़ों मरीजों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। टांडा अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. मोहन सिंह से जब इंजेक्शन की कमी के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने बताया कि अस्पताल के पास कीमोथैरेपी के लिए जरूरी सभी दवाइयां और टीके पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। रोजाना लाखों रुपये के इंजेक्शन मरीजों को उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। उनके बयान पर मरीजों ने सवाल किया है कि यदि आपके पास पर्याप्त इंजेक्शन हैं, तो वे मरीजों को क्यों नहीं दिए जा रहे।