शहीद पति के सपने को पूरा करने के लिए महिला बनी सैन्य अधिकारी, जानें रिगजिन शोरोल की कहानी

पति के निधन के समय शोरोल की गोद में एक छोटा बच्चा था, जिसके भविष्य को सुरक्षित करने के अलावा शोरोल को पति के सपने को पूरा भी करना था।

लेफ्टिनेंट रिगजिन शोरोल
लेफ्टिनेंट रिगजिन शोरोल

Lt Rigzin Chorol Inspirational Story: भारतीय सेना में महिलाओं की भूमिका बढ़ती जा रही है। कड़े परिश्रम और लगन के साथ सेना में शामिल होने के लिए कई महिलाओं ने परीक्षा और ट्रेनिंग पास की है। लेकिन एक ऐसी महिला भी है, जो अपने पति के सपने को पूरा करने के लिए सेना में शामिल हुई है। सेना में शामिल पति की शहादत के बाद महिला ने भी देश सेवा को अपनी राह बना ली। इसके लिए अपने 11 माह के बच्चे से दूर रहीं। कड़ी मेहनत के बाद यह महिला भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बन चुकी हैं। सेना में लेफ्टिनेंट बनी इस महिला का अपने नन्हे बच्चे के साथ वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। आइए जानते हैं भारतीय सेना की महिला ऑफिसर लेफ्टिनेंट रिगजिन शोरोल के सफर के बारे में।

कौन हैं रिगजिन शोरोल?

भारतीय सेना की महिला ऑफिसर लेफ्टिनेंट रिगजिन शोरोल की सेना में शामिल होने की कहानी हर किसी के लिए मिसाल है। विपरीत परिस्थितियों के सामने झुकना नहीं है और डटकर परेशानियों का सामना करना है, ये रिगजिन शोरोल के संघर्ष और सफलता से सीखना चाहिए।

दरअसल, रिगजिन शोरोल के पति का नाम रिगजिन खांडप है, जो खुद सेना में थे। रिगजिन खांडप लद्दाख स्काउट्स की जेडांग सुंपा बटालियन में राइफलमैन के पद पर तैनात थे। ड्यूटी के दौरान रिगजिन खांडप  शहीद हो गए थे। जिसके बाद लद्दाख में रही रहने वाली उनकी पत्नी शोरोल के जीवन में बड़ा बदलाव आया। पति की शहादत को शोरोल ने अपनी कमजोरी नहीं बनने दिया और पति के सपने को पूरा करने की ठान ली।

क्यों और कैसे हुईं सेना में शामिल?

पति के निधन के समय उनके पास नवजात था, जिसके भविष्य को सुरक्षित करने के अलावा शोरोल को पति के सपने को पूरा भी करना था। शोरोल ने सेना में शामिल होने का विचार किया और दिसंबर 2021 से अपने सफर की शुरुआत कर दी।

11 महीने की कठोर ट्रेनिंग के बाद शोरोल सैन्य अधिकारी बन गईं। उन्होंने सेना में लेफ्टिनेंट बनने का श्रेय अपने शहीद पति को दिया। ट्रेनिंग के दौरान शोरोल अपने दुधमुंहे बच्चे से दूर रहीं। लेकिन लेफ्टिनेंट बनने के बाद जब सेना की वर्दी में उन्होंने अपने बच्चे को गोद में उठाया तो हर किसी को उन पर गर्व हुआ।