रूस को बचाने के लिए पुतिन को यूक्रेन में मचानी होगी तबाही, जंग के मैदान में उतारा रूसी ‘कसाई’

रूस और यूक्रेन की जंग (Russia-Ukraine War ) में रूसी सेनाएं किस कदर पिछड़ने लगी हैं, यह बात दुनिया को नजर आ गई है। यूक्रेन में तबाही मचाकर की राष्‍ट्रपति पुतिन जीत के रास्‍ते तक पहुंच सकते हैं। इस तबाही के लिए उन्‍होंने एक ऐसे शख्‍स को चुना है जिसे कसाई के तौर पर जानते हैं। यह व्‍यक्ति यूक्रेन में क्‍या करेगा, उसकी झलक कीव (Kyiv) पर हो रहे हमलों से मिलने लगी है।

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मॉस्‍को: यूक्रेन की राजधानी कीव पर सोमवार से ही एक के बाद एक हमले हो रहे हैं। रूस ने राजधानी कीव के पार्कों और टूरिस्‍ट प्‍लेसेज के अलावा सभी बड़े संस्‍थानों को निशाना बनाया है। इसकी वजह से यूक्रेन के कई हिस्‍सों में न तो बिजली है, न ही पानी और न ही दूसरी जरूरी सुविधाएं। कीव पर हुए हमलों को जिन लोगों ने भी देखा है, उन्‍हें सीरिया के अलेप्‍पो का मंजर याद आ गया है। रूस के राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन, अलेप्‍पो की तर्ज पर कीव को निशाना बनाना चाहते थे और इसके लिए उन्‍होंने एक ऐसे इंसान को चुना जिसने अलेप्‍पो को तबाह कर दिया था। जनरल सर्गेई सुरोविकिन, जिन्‍हें ‘कसाई’ के तौर पर जाना जाता है, उन पर पुतिन ने यूक्रेन को तबाह करने की जिम्‍मेदारी डाली है। अब विशेषज्ञ मान रहे हैं कि यूक्रेन की जंग में वह सबकुछ देखने को मिल सकता है, जिसके बारे में किसी ने कल्‍पना तक नहीं की थी।

रूस का खतरनाक बदला
फरवरी में शुरू हुई जंग में कीव पर इस स्‍तर पर हमले पहली बार किए जा रहे हैं। रूस के कब्‍जे वाले पूर्वी हिस्‍से से 80 से ज्‍यादा रॉकेट्स फायर किए जा चुके हैं। अब तक 19 लोगों की मौत हो चुकी हैं और कई घायल हैं। केरेच के पुल पर हुए हमले का रूस इस तरह से बदला लेगा किसी को भी अंदाजा नहीं था। रूस की सेनाएं पिछले वीकएंड से आक्रामक हो चुकी हैं। इससे पहले उन्‍हें यूक्रेन की सेना ने घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था। पुतिन के पास दो ही विकल्‍प थे, या तो वह उत्‍तर पूर्व यूक्रेन में मिली हार को स्‍वीकार कर लें या फिर दक्षिण में आक्रामक हों। पुतिन ने दूसरा विकल्‍प चुना।

लोगों पर चढ़ा दिए टैंक
जनरल सर्गेई पहली बार साल 1991 में खबरों में आये थे। उस समय उन्‍होंने सोवियत संघ के नेता मिखाइल गोर्बाचेव को उखाड़ फेंकने के लिए तख्‍तापलट की कोशिशें कीं। इस दौरान जनरल ने टैंक यूनिट की कमान संभाली। उन्‍होंने मॉस्को नदी के पास नोवी आर्बट बुलेवार्ड पर ड्यूमा विधान परिषद ऑफिस के पास गोर्बाचेव के तीन समर्थकों को रौंद दिया था। इसके बाद उन्हें छह महीने के लिए जेल में डाल दिया गया। उनके खिलाफ आरोप तय नहीं हो सके और वह जेल से बाहर आ गए। इस घटना के बाद से ही उन्‍हें कसाई कहा जाने लगा।

जनरल ने खाई कसम
साल 2000 की शुरुआत में चेचेन युद्ध के समय उन्‍होंने टैंक की एक यूनिट कमांड की थी। फरवरी 2005 में उनकी कमांड के नौ सैनिकों की मौत एक दिवार गिरने की वजह से हो गई। जबकि मीडिया में जो खबरें आई थीं उसके मुताबिक एक रूसी सैनिक ने शराब पीकर लैंड माइन या ग्रेनेड से ब्‍लास्‍ट कर दिया था। जनरल सर्गेई ने चेचेन आतंकियों को इसके लिए दोषी ठहराया और मारे गए रूसी सैनिकों की मौत का बदला लेने की कसम खाई।

पुतिन को मिला जनरल का साथ
इसके बाद चेचेन विद्रोह को रौंद दिया गया और सांप्रदायिक ताकतों की हार हुई। सीरिया में सुरोविकिन को कई शहरों पर बम बरसाने के ऑर्डर दिए गए। उनके निर्देश पर अलेप्‍पो में जमकर बमबारी की गई है और दूसरे शहरों को भी निशाना बनाया गया। पुतिन फिर से सीरिया के हालातों को दोहराना चाहते हैं और जनरल सर्गेई से बेहतर विकल्‍प उन्‍हें नहीं मिल सकता था।

रूस की सेना को जीवनदान
रूस की सेना को इस समय गोला-बारूद और दूसरी सैन्‍य सप्‍लाई की कमी का सामना करना पड़ रहा है। राष्‍ट्रपति पुतिन के नए कमांडर ने यूक्रेन के शहरी इलाकों पर रॉकेट्स गिराए हैं। आने वाले दिनों में वह तीन लाख सैनिकों के साथ फिर से आक्रमण करने की कोशिशें करेंगे।