तंबाकू के सेवन से हड्डियों की इस गंभीर बीमारी का खतरा अधिक, हल्की ठोकर से भी हो सकता है फ्रैक्चर

दिल्ली Published by: अभिलाष श्रीवास्तव Updated Fri, 28 Oct 2022 03:16 PM IST

तंबाकू चबाने से सेहत को होने वाले नुकसान
स्वस्थ शरीर के लिए जिन आदतों को विशेषज्ञ सबसे खतरनाक मानते हैं, तंबाकू चबाना या धूम्रपान उनमें से एक है। तंबाकू चबाने की आदत को दांत-मसूड़ों और मुंह से संबंधित कई बीमारियों के साथ डायबिटीज और हृदय रोगों के लिए भी खतरनाक माना जाता है। पर क्या आप जानते हैं कि तंबाकू चबाने की आदत हड्डियों के लिए भी बेहद नुकसानदायक हो सकती है? हाल ही में विशेषज्ञों की एक टीम ने इससे संबंधित जोखिमों के बारे में लोगों को अलर्ट किया है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने पाया कि तंबाकू चबाने वालों में हड्डियों से संबंधित गंभीर बीमारी ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा हो सकता है। ऑस्टियोपोरोसिस में हड्डियों का घनत्व कम हो जाता है और वह बहुत कमजोर हो जाती हैं। इस रोग की गंभीर स्थिति में छींकने-खांसने और हल्के से ठोकर के कारण भी हड्डियों के टूटने का खतरा हो सकता है।

लखनऊ स्थित किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) में हड्डी रोग विभाग के प्रोफेसर शाह वलीउल्लाह कहते हैं, समय के साथ लोगों में हड्डियों की कमजोरी की समस्या बढ़ती जा रही है। यदि आप तंबाकू का सेवन करते हैं तो आपमें यह जोखिम और भी अधिक हो सकता है। लंबे समय तक तंबाकू के सेवन के कारण हड्डियों का घनत्व कम होना शुरू हो जाता है और वे कमजोर होने लगती हैं। तंबाकू चबाने की आदत कम उम्र में भी आपमें ऑस्टियोपोरोसिस जैसे गंभीर समस्याओं के जोखिम को बढ़ाने वाली हो सकती है।

हड्डियों में कमजोरी की समस्या
हड्डियों को कमजोर कर रहा है तंबाकू

प्रोफेसर शाह वलीउल्लाह कहते हैं, “हड्डियों में दो प्रकार की कोशिकाएं होती हैं जिन्हें ऑस्टियोक्लास्ट और ऑस्टियोब्लास्ट कहा जाता है। वे हड्डियों को बनाने और ब्रेक करने के लिए जिम्मेदार होती हैं। ऑस्टियोक्लास्ट वे कोशिकाएं हैं जो हड्डियों को ब्रेक करती हैं ताकि उन्हें फिर से तैयार किया जा सके। ऑस्टियोब्लास्ट ब्रेक के बाद नई हड्डियों का निर्माण करने में सहायक होती हैं। यह प्रक्रिया लगातार चलती रहती है। हालांकि तंबाकू चबाने या धूम्रपान करने वालों में इन कोशिकाओं की कार्यक्षमता में कमी देखी गई है जिससे हड्डियों के कमजोर होने का जोखिम हो सकता है।

हड्डियों के ऊतकों की समस्या
तंबाकू से हड्डियों के ऊतकों को नुकसान

स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं, अध्ययन के दौरान पाया गया है कि जो लोग लंबे समय तक तंबाकू का सेवन करते रहते हैं, चाहे वह धूम्रपान या चबाने के रूप में हो, उनमें ऑस्टियोक्लास्ट की संख्या में बढ़ोतरी जबकि ऑस्टियोब्लास्ट में कमी हो जाती है। इस तरह के विकारों की स्थिति में हड्डियों का ब्रेकडाउन तो तेजी से होने लगता है पर नई हड्डियों का निर्माण नहीं हो पाता। यह स्थिति ऑस्टियोपोरोसिस का कारण बन सकती है। हड्डियों की यह समस्या जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित कर देती है, ऐसे में ऑस्टियोपोरोसिस से बचाव करते रहना आवश्यक है। तंबाकू से दूरी बना लेना इसमें आपकी मदद कर सकता है।

धुम्रपान से कई प्रकार के रोगों का खतरा
जानलेवा भी हो सकता है तंबाकू का सेवन

सेंटर फार डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन (सीडीसी) के विशेषज्ञों ने बताया कि तंबाकू का सेवन, विशेष रूप से धूम्रपान के कारण हृदय रोग, स्ट्रोक, फेफड़े के रोग, मधुमेह और क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) के साथ कैंसर तक का खतरा हो सकता है। धूम्रपान हड्डियों के लिए भी बहुत हानिकारक आदत है, इसके कारण रूमेटीइड आर्थराइटिस और ऑस्टियोपोरोसिस सहित प्रतिरक्षा प्रणाली की समस्याओं का जोखिम भी बढ़ जाता है। तंबाकू का सेवन करने वालों की जीवन प्रत्याशा भी अन्य लोगों की तुलना में कम होती है।

धूम्रपान छोड़कर सेहत को मिलता है लाभ

तंबाकू छोड़कर बेहतर कर सकते हैं जीवन

अमर उजाला से बातचीत में वरिष्ठ हड्डी रोग विशेषज्ञ और सर्जन डॉ विभु नागर कहते हैं, तंबाकू से अगर दूरी बना ली जाए तो यह आपकी जीवन की गुणवत्ता को सुधारने में काफी मददगार हो सकता है। आश्चर्यजनक रूप से हम वयस्कों में तंबाकू के कारण होने वाले ऑस्टियोपोरोसिस के मामले देख रहे हैं। स्वस्थ जीवन शैली को बनाए रखते हुए धूम्रपान और तंबाकू जैसी आदतों को छोड़ने से ऑस्टियोपोरोसिस और हड्डियों-फेफड़ों की कई बीमारियों को रोका जा सकता है। तंबाकू का सेवन वैश्विक स्तर पर गंभीर चिंता का कारण है, इसे लेकर विशेष सावधानी बरतते रहने की आवश्यकता है।

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नोट: यह लेख स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सुझाव के आधार पर तैयार किया गया है।

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