आज है शुभ दिवाली, जानें पूजन मुहूर्त, मंत्र, लक्ष्मी पूजा विधि, योग और महत्व

Diwali 2022 Laxmi Puja Shubh Muhurat: आज 24 अक्टूबर दिन सोमवार को दिवाली का त्योहार पूरे देश में मनाया जा रहा है. आज कार्तिक अमावस्या पर चित्रा नक्षत्र, विष्कंभ योग और स्थिर वृष लग्न में माता लक्ष्मी, भगवान गणेश और कुबेर की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 06 बजकर 55 मिनट से है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अमावस्या तिथि में स्थिर लग्न में दिवाली की लक्ष्मी पूजा करना श्रेष्ठ होता है. आज दिवाली के अवसर पर सुबह में सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग भी बना हुआ है. दिवाली की रात विधि विधान से पूजा करने पर माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं, उनकी कृपा से धन, दौलत, सुख, संतान आदि में वृद्धि होती है. कुबेर स्थिर धन प्रदान करते हैं और गणेश जी की कृपा से जीवन के सभी संकट दूर होते हैं.

काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट कहते हैं कि माता लक्ष्मी चंचला हैं, लेकिन उन्होंने गणेश जी को वरदान दिया था कि जहां पर तुम्हारे साथ उनकी पूजा होगी, वहां पर वह स्थिर होकर वास करेंगी. इस वजह से दिवाली पर प्रथम पूज्य गणेश जी के साथ माता लक्ष्मी की पूजा होती है. आइए जानते हैं दिवाली पूजा के शुभ मुहूर्त, योग, माता लक्ष्मी की पूजा विधि और मंत्र के बारे में.

दिवाली मुहूर्त 2022
कार्तिक अमावस्या तिथि का प्रारंभ: आज, शाम 05 बजकर 04 मिनट से
कार्तिक अमावस्या तिथि का समापन: कल, शाम 04 बजकर 35 मिनट पर

दिवाली 2022 लक्ष्मी पूजा मुहूर्त
आज, शाम 06 बजकर 55 मिनट से रात 08 बजकर 51 मिनट तक
आज, देर रात 01 बजकर 23 मिनट से कल सुबह 03 बजकर 37 मिनट तक

दिवाली 2022 शुभ योग और नक्षत्र
चित्रा नक्षत्र: आज सुबह 05:12 बजे से कल सुबह 04:47 बजे तक
विष्कंभ योग: आज सुबह 05:03 बजे से कल सुबह 03:02 बजे तक
सर्वार्थ सिद्धि योग: आज सुबह 05:12 बजे तक
अमृत सिद्धि योग: आज सुबह 05:12 बजे तक

दिवाली 2022 रात्रि शुभ चौघड़िया मुहूर्त
चर-सामान्य: 06:19 बजे से 07:58 बजे तक
लाभ-उन्नति: 11:16 बजे से देर रात 12:54 बजे तक
शुभ-उत्तम: देर रात 02:33 बजे से कल सुबह 04:12 बजे तक
अमृत-सर्वोत्तम: कल सुबह 04:12 बजे से कल सुबह 05:51 बजे तक

गणेश मंत्र
गजाननम्भूतगभू गणादिसेवितं कपित्थ जम्बू फलचारुभक्षणम्।
म् उमासुतं सु शोक विनाशकारकं नमामि विघ्नेश्वरपादपंकजम्।

लक्ष्मी मंत्र
ऊँ श्रींह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ऊँ महालक्ष्मी नम:॥

कुबेर मंत्र
ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं कुबेराय अष्ट-लक्ष्मी मम गृहे धनं पुरय पुरय नमः॥

दिवाली 2022 लक्ष्मी पूजा विधि
दिवाली के शुभ मुहूर्त में आप एक चौकी पर लाल या पीले रंग का वस्त्र बिछाकर उस पर माता लक्ष्मी, गणेश जी, मां सरस्वती और कुबेर की मूर्ति तथा कलश स्थापना करें. उसके बाद कलश और गणेश पूजन करें. कलश में गंगाजल, साफ पानी, पंच पल्लव, सप्तधान्य आदि डालकर उसके गले में रक्षा सूत्र बांध दें. फिर उस पर नारियल रखें. गाय के गोबर से गणेश और गौरी बनाकर फूल, अक्षत्, सिंदूर आदि से पूजन करें.

अब गणेश जी को सिंदूर, अक्षत्, फूल, दूर्वा, मोदक, फल, गंध, धूप, दीप, जनेऊ, पान, सुपारी, आदि ऊं गं गणपतये नम: मंत्र उच्चारण के साथ अर्पित करें. फिर माता लक्ष्मी को कमल पुष्प, कमलगट्टा, अक्षत्, कुमकुम, कौड़ी, शंख, धूप, दीप, वस्त्र, फल, सफेद मिठाई, खील, बताशे अर्पित करते हुए पूजन करें.

इसके पश्चात माता सरस्वती और कुबेर का भी पूजन विधिपूर्वक करें. इसके बाद माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए श्री सूक्तम् या कनकधारा स्तोत्र का पाठ करें. उसके आद माता लक्ष्मी और गणेश जी की आरती करें. आरती के लिए घी के दीपक का उपयोग करें. आरती के पश्चात क्षमा प्रार्थना करें और माता लक्ष्मी से धन, वैभव, सुख और समृद्ध प्रदान करने की प्रार्थना करें. इसके पश्चात आप दिवाली प्रसाद का वितरण करें और घर में चारों ओर दीपक जलाएं.

आपको और आपके पूरे परिवार को शुभ दिवाली 2022!