आज नवाजुद्दीन सिद्दीकी का बाथरूम उनके पुराने घर से बड़ा है छोटे किरदारों से बड़े बंगले तक का सफर,

फिल्म अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी के संघर्ष और कामयाबी की कहानी एक खुली किताब की तरह है, जिसे हर किसी ने पढ़ा है और हर कोई पढ़ सकता है. उनके प्रशंसकों ने उन्हें छोटे छोटे किरदारों को अपनी सीढ़ी मानकर कामयाबी के शिखर तक पहुंचते देखा है. यही वजह है कि इस अभिनेता की कामयाबी पर इनके प्रशंसकों को गर्व है. 

छोटे किरदारों से बड़े बंगले तक का सफर 

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नवाजुद्दीन सिद्दीकी का फिल्मों में छोटे-मोटे किरदार पाने के लिए संघर्ष करने से शुरू हुआ सफर आज मुंबई में बने उनके आलीशान महल तक जा पहुंचा है. जी हां, नवाजुद्दीन सिद्दीकी के इसस बंगले को घर या मकान कहना इसकी तौहीन हो सकती है क्योंकि ये किसी महल से कम नहीं है. 

जिस घर में रहते थे उससे बड़ा है इस महल का बाथरूम

Nawazuddin SiddiquiTwitter

आपको जानकर हैरानी होगी कि इस आलीशान बंगले का बाथरूम उस घर से बड़ा है जिसमें कभी नवाजुद्दीन सिद्दीकी रहा करते थे. उन्होंने बॉम्बे टाइम्स को दिए अपने इंटरव्यू में कहा कि आज जितना बड़ा मेरा पर्सनल बाथरूम है उतना मेरा घर हुआ करता था. 

नवाजुद्दीन सिद्दीकी अपने पुराने दिनों को आजतक नहीं भूल पाए हैं. संघर्ष के दिनों में अपने जैसे अभिनेताओं के साथ वह एक शेयरिंग अपार्टमेंट में रहते थे. इस अपार्टमेंट के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि वो कमरा इतना छोटा था कि अगर मैं दरवाजा खोलूं तो किसी के पैरों में लग जाता था क्योंकि हम सभी का बिस्तर जमीन पर ही बिछा था, जहां हम सोते थे. धीरे धीरे मैंने अपने कमरे को तीन लोगों के साथ शेयर किया, फिर दो के साथ. इसके बाद 2005 से ऐसा संभव हो पाया कि मैं कमरे में अकेले रहने का खर्च उठा सकूं. 

नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने अपने बंगले का नाम अपने मरहूम पिता नवाबुद्दीन सिद्दीकी के नाम पर रखा है. उनकी ये इच्छा है कि कक्ष उनके पिता उनके इस नए घर को देख पाते. 

पिता को करते हैं याद 

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अपने पिता के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि “मुझे याद है जब मेरे पिता कुछ साल पहले मुझसे मिलने मुंबई आए थे. वह बहुत उदास थे और उन्होंने कहा कि ये किस तरह के कबूतरखाने में रहते हो तुम लोग.” तब मैं 3बीएचके फ्लैट में रहता था जो वास्तव में हमारे होमटाउन के उन बड़े घरों की तुलना में बहुत छोटा था, जो मेरे पिता को पसंद था. उनका मन मुंबई के इस छोटे से घर में नहीं लगता था. इसलिए मेरे दिल में हमेशा से ये तमन्ना थी कि एक दिन उनके लिए मुंबई में बड़ा घर बनवाऊंगा लेकिन वह इसे देखने से पहले ही चले गए. कक्ष मेरे पिता इस बंगले को देख पाते. 

नवाजुद्दीन सिद्दीकी का जन्म उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के छोटे से शहर के मुस्लिम परिवार में हुआ था. नवाजुद्दीन सिद्दीकी अपने सात भाई-बहनों में सबसे बड़े हैं.

तीन साल लगे बंगला बनने में 

नवाज के मुताबिक वह पिछले तीन सालों से अपने काम और इस प्रॉपर्टी के डिजाइन के बीच उलझे हुए थे. वह शूट पर जाते थे और लौटने के बाद डिजाइन देखते थे. उन्हें पसंद नहीं आता था तो उसे तुड़वा कर कुछ नया बनवा देते थे. अब ये बन कर तैयार है और ऐसा दिखता है. वैसे तो नवाजुद्दीन के मुंबई में कई घर हैं लेकिन अब वो इस आलीशान बंगले में शिफ्ट हो गए हैं. इतनी मेहनत और समय लगने के बावजूद इस बंगले में कुछ फाइनल टच देना बाकी है.