आज के दौर में अनेक लोग और देश के युवा बड़े बिजनेसमेन बनने का खवाब देखते हैं और रिसर्च भी करके रहते हैं। इसके लिए सही मार्गदर्शन और लगन के साथ मेहनत का होना बहुत जरुरी है। ऐसा करने की इच्छा किसी न किसी प्रेरणा से ही आती है। यह प्रेरणा आपको किसी कामयाब शख्स से मिल सकती है। ऐसे में हम आपके लिए एक ऐसे ही व्यक्ति की कहानी लेकर आये हैं, जिन्होंने मात्र कुछ 100 रुपये की नौकरी करते हुए कई-कई करोड़ की कंपनी खड़ी कर दी।
यह कहानी है देश के एक व्यवसाई अनुज मुंदड़ा (Anuj Mundra) की, जो आज व्यापार जगत (Business World) में बड़ा नाम है। 2001 से 2003 के बीच, अनुज मुंदड़ा जयपुर (Jaipur) में साड़ी के एक शोरूम (Sari Showroom) में काम करते थे और हर महीने 1,400 रुपये की पगार पर अपना खर्चा चला रहे थे।
उन्हें लगा की वह इस सैलरी में तो अपना पूरा जीवन नहीं चला पाएंगे। ऐसे में उन्होंने अपना खुद का कोई छोटा मोटा व्यापार करने का मन बना लिया। 2003 में, उन्होंने अपनी नौकरी छोड़कर सूट के टुकड़ों का व्यापार (Own Business) चालू किया।
अब वे अन्न व्यापारियों से सूट सेट खरीदते और उन्हें दूसरे विक्रेताओं और दुकानदारों को बेच देते। ऐसा करते हुए उन्होंने कुछ बचत करना शुरू किया, तो अनुज ने जयपुर में ही अपनी ब्लॉक और स्क्रीन प्रिंटिंग यूनिट्स खोल ली। यह सिलसिला साल 2012 तक चला।
उनसे बाद अनुज दिल्ली चले गए और ईकॉमर्स मार्केटप्लेस Jabong और Snapdeal के विशाल होर्डिंग्स और विज्ञापन देशकार हैरान रह गए। उन्होंने यह अच्छे से समझ लिया था कि ईकॉमर्स और ऑनलाइन शॉपिंग भारत में खरीदारी का भविष्य होने वाला है।
दिल्ली से जयपुर वापस आकर सबसे पहल एक चार्टर्ड एकाउंटेंट (CA) मिले और सभी कंपनी के नियमों और मापदंडों के बारे में जानकारी ली। उन्होंने 2012 में अपनी खुद की कंपनी Nandani Creation Pvt. Ltd. लॉन्च कर दी और ईकॉमर्स ऑफशूट को Jaipurkurti.com के नाम से ब्रांड बना दिया। अपने पहले साल में ही उनकी कंपनी ने 59 लाख रुपये का बिजनेस कर लिया था।
अनुज ने अपने खुश खास दोस्तों से 50,000 रुपये जुटाए और बाद में अपने बिजनेस के लिए बैंक से लोन भी हासिल किया। पर्याप्त पैसो के जुगाड़ के बाद उन्होंने कुर्ती और सूट की सिलाई के लिए 10 सिलाई मशीनें खरीदीं थी। अनुज की पत्नी वंदना मुंदड़ा कुर्तियां डिज़ाइन करने का काम कर रही थी।
उस वक़्त जयपुर के करतारपुर इंडस्ट्रीयल क्षेत्र में अपनी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट में कुर्तियों की रंगाई, प्रिंटिंग, सिलाई, होने लगी थी। उन्होंने अपने प्रोडक्ट्स को Snapdeal और Jabong पर लिस्टेड किया और इन प्लेटफार्मों पर सेलिंग चालु कर दी।
एक मीडिया रिपोर्ट बताती है की अनुज के मुताबिक़ बड़े ऐथनिक ब्रांड और अन्य प्रमुख आउटलेट जैसे Adidas, Biba, Wills आदि ने खुद को ऑनलाइन लिस्टेड करने से लोगों को ऑनलाइन शॉपिंग पर भरोसा दिलवाने में सहायता की। उन्होंने डिलीवरी पैकेज में पैम्फलेट्स डालना शुरू किया, जिसमें बताया गया कि ब्रांड क्या था और इसमें कुछ डिस्काउंट कूपन के साथ कस्टमर केयर नंबर भी दिया जाता था।