इकनॉमिक टाइम्स के पोल में अनुमान लगाया गया था कि टाटा स्टील का मुनाफा 2932 करोड़ रुपए रह सकता है. टाटा स्टील का नेट प्रॉफिट वास्तव में अनुमान की तुलना में भी करीब आधा रहा है
नई दिल्ली: टाटा ग्रुप की दिग्गज कंपनी टाटा स्टील की दूसरी तिमाही के नतीजे बहुत खराब रहे हैं. साल दर साल आधार पर टाटा स्टील का सितंबर तिमाही का कंसोलिडेटेड नेट प्रॉफिट 87 फ़ीसदी गिरकर 1514 करोड़ रुपए रहा है. ऊर्जा और कच्चे माल पर बढ़ा खर्च इसकी प्रमुख वजह रहा है. इकनॉमिक टाइम्स के पोल में अनुमान लगाया गया था कि टाटा स्टील का मुनाफा 2932 करोड़ रुपए रह सकता है. टाटा स्टील का नेट प्रॉफिट वास्तव में अनुमान की तुलना में भी करीब आधा रहा है.
टाटा स्टील का कंसोलिडेटेड रेवेन्यू सितंबर तिमाही में 1 फ़ीसदी गिरकर 59877 करोड़ रह गया है. यह इकोनामिक टाइम्स के पोल के अनुमान से बेहतर रहा है. पोल में इसके 54300 करोड़ रुपए पर रहने का अनुमान लगाया गया था. टाटा स्टील के कमजोर नतीजों के बाद मंगलवार को शेयर बाजार में टाटा स्टील के शेयरों में बिकवाली बढ़ सकती है और इसमें खासी कमजोरी दर्ज की जा सकती है.
टाटा स्टील ने सोमवार को शेयर बाजार को भेजी सूचना में कहा कि कामकाजी खर्च बढ़ने के कारण उसके मुनाफे में काफी गिरावट आई है. देश की दिग्गज इस्पात कंपनी ने इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 12,547.70 करोड़ रुपये का लाभ कमाया था.
टाटा स्टील की कुल आय जुलाई-सितंबर तिमाही में 60,206.78 करोड़ रुपये रही है. एक साल पहले की समान अवधि में टाटा स्टील की यह आय 60,657.98 करोड़ रुपये थी. टाटा स्टील का कुल खर्च भी इस साल की दूसरी तिमाही में बढ़कर 57,684.09 करोड़ रुपये हो गया, वित्त वर्ष 2021-22 की दूसरी तिमाही में यह 47,239.63 करोड़ रुपये था.
टाटा स्टील के प्रॉफिट में लगातार दूसरी तिमाही में कमजोरी आई है. इससे पहले जून तिमाही में भी Tata Steel का कंसोलिडेटेड नेट प्रॉफिट 21 फीसदी घटकर 7,714 करोड़ रुपये रहा था.
टाटा स्टील ने पिछले वित्त वर्ष के दौरान टाटा ग्रुप को सबसे ज्यादा कमाई दी थी. टाटा स्टील ने देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टीसीएस (TCS) को पीछे छोड़कर यह खिताब हासिल किया था. दुनियाभर में कमोडिटी की कीमत में तेजी और भारत में इकनॉमिक रिकवरी से टाटा स्टील के मुनाफे में तेजी आई थी. Tata Steel के यूरोपीय बिजनस का रेवेन्यू 54 फीसदी बढ़ गया था.