धर्मशाला में राज्यों के पर्यटन मंत्रियों के राष्ट्रीय सम्मेलन के दूसरे दिन केंद्रीय पर्यटन मंत्री ने कहा कि स्कूलों में एनसीसी और एनएसएस की तर्ज पर टूरिज्म क्लब शुरू करने की जरूरत है। इससे देश के हर हिस्से में पर्यटन संस्कृति में एक बड़ा बदलाव आएगा।
केंद्रीय पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि भारत के हर राज्य में ऐसे अनछुए पर्यटन स्थल हैं, जो दुनिया भर के पर्यटकों को आकर्षित करने की क्षमता रखते हैं। सोशल मीडिया के माध्यम से वीडियो बनाकर इनका प्रचार-प्रसार करना होगा। इससे निशुल्क रूप से गुमनाम स्थानों को भी पर्यटन की दृष्टि से ग्लोबल पहचान दी जा सकेगी। धर्मशाला में राज्यों के पर्यटन मंत्रियों के राष्ट्रीय सम्मेलन के दूसरे दिन केंद्रीय पर्यटन मंत्री ने कहा कि स्कूलों में एनसीसी और एनएसएस की तर्ज पर टूरिज्म क्लब शुरू करने की जरूरत है। इससे देश के हर हिस्से में पर्यटन संस्कृति में एक बड़ा बदलाव आएगा। इससे आने वाली पीढ़ी को अपने देश के महत्वपूर्ण ऐतिहासिक, धरोहर या अन्य पर्यटन स्थलों को जानने का अवसर मिलेगा। भारत सरकार के सड़क यातायात और राजमार्ग सचिव गिरिधर अरमाने ने पहले सत्र में पर्यटन के लिए ढांचागत सुविधाओं के विकास की जरूरत और इसके संभावित उपायों के बारे में अपने विचार रखे। दूसरे सत्र में सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और धरोहर पर्यटन की संभावनाओं पर मंथन किया गया। तीसरे सत्र में विषय विशेषज्ञों और पर्यटन मंत्रियों ने हिमालयी क्षेत्रों में पर्यटन विकास के बारे में चर्चा की। भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय की ओर से धर्मशाला में आयोजित किए जा रहे तीन दिवसीय सम्मेलन का आज समापन हो जाएगा।
पीएम मोदी हिमाचल की उन जगहों में घूम चुके, जहां आज भी पहुंचना मुश्किल: जयराम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिमाचल प्रदेश के ऐसे-ऐसे स्थल घूमे हैं, जहां आज भी पहुंचना मुश्किल है। जब हमें प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने का अवसर मिला, तो उन्होंने कहा था कि पर्यटन मंत्रालय अपने पास रखकर अच्छे से विकास करवाना। तब से लेकर वह हर मुलाकात में पर्यटन विकास के बारे में पूछते हैं। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने धर्मशाला में आयोजित किए जा रहे पर्यटन मंत्रियों के राष्ट्रीय सम्मेलन में यह बात कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्राकृतिक, धार्मिक, साहसिक गतिविधियां, सप्ताहांत, ग्रामीण और जनजातीय पर्यटन सहित छह मुख्य विषयों की पहचान की है। इन्हीं छह विषयों के माध्यम से हिमाचल प्रदेश को पर्यटन नक्शे पर विशेष पहचान दिलाई जाएगी। उन्होंने कहा कि पर्यटन विकास के लिए रूटीन कार्य से बहुत बड़े परिणाम की अपेक्षा नहीं की जा सकती। इसके लिए लीक से हटकर कुछ नई पहलें करनी होंगी।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की ‘नई राहें, नई मंजिलें’ योजना राज्य के कई सुंदर एवं अनछुए स्थलों को पर्यटन मानचित्र पर लाने में बहुत बड़ी भूमिका अदा करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि जंजैहली में ईको टूरिज्म, चांशल घाटी में स्कीइंग और बीड बिलिंग क्षेत्र में पैराग्लाइडिंग दुनिया भर के प्रकृति एवं साहसिक खेल प्रेमियों को आकर्षित करेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश पौंग, लारजी और पंडोह जैसे बांधों के जलाशयों में वाटर स्पोर्ट्स के माध्यम से पर्यटन विकास के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि होम स्टे योजना ने पर्यटन विकास में अहम भूमिका निभाई है। प्रदेश में अब तक 3539 होम स्टे पंजीकृत किए गए हैं और होम स्टे संचालकों से बिजली की खपत पर घरेलू शुल्क लिया जा रहा है।मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से निर्मित अटल टनल रोहतांग जहां सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, वहीं यह टनल हिमाचल आने वाले पर्यटकों के लिए भी एक प्रमुख आकर्षण साबित हुई है। इस सुरंग ने लाहौल और पांगी घाटियों में पर्यटन की नई संभावनाएं पैदा की हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने मंडी जिले में एक वृहद धार्मिक पर्यटन परियोजना ‘शिव धाम’ शुरू की है, जिसे जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा।
डॉक्यूमेंट्री से बताई पर्यटन मंत्रियों को हिमाचल की खूबसूरती
पर्यटन मंत्रियों के राष्ट्रीय सम्मेलन में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के संबोधन के बाद पर्यटन मंत्रालय की ओर से बनाई गई केंद्रीय और देश भर के पर्यटन मंत्रियों और अधिकारियों को डॉक्यूमेंट्री भी दिखाई गई। इस डॉक्यूमेंट्री में हिमाचल की खूबसूरती को दर्शाते स्थानों को दिखाया गया। छह थीम के तहत बांटे गए पर्यटन गंतव्यों के बारे में बताया गया। डॉक्यूमेंट्री खत्म होने के बाद दर्शकों ने तालियां बजाकर हिमाचल और इसकी खूबसूरती को सराहा।
कनेक्टिविटी के अभाव में बाधित हो रहा पर्यटन विकास
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश में पर्यटन विकास के मार्ग में सबसे बड़ी चुनौती कनेक्टिविटी की रही है। अब तक सिर्फ सड़क मार्ग से ही देश के अलग-अलग हिस्सों में प्रदेश की कनेक्टिविटी रही है। प्रदेश में अनछुए पर्यटन गंतव्यों को प्रोत्साहन करने की दिशा में राज्य में संपर्क सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है और राष्ट्रीय राजमार्गों को विस्तार प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में हवाई सुविधा को बेहतर बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। इस दिशा में जिला मंडी में नया एयरपोर्ट निर्मित करने की प्रक्रिया प्रगति पर है।
पर्यटन की अवधारणा काफी हद तक हमारे मनोविज्ञान से भी जुड़ी होती है। ऐसे में हमें पर्यटन विकास के लिए अपने देश और प्रदेश की अच्छी छवि बनाने के लिए जोर देना होगा। एक बार पर्यटक के दिमाग पर अगर हमने अपने पर्यटन स्थलों के बारे में गहरी छाप छोड़ दी तो पर्यटक उस स्थल पर घूमने के लिए खिंचा चला आएगा। भारत पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष संबित पात्रा ने यह बात धर्मशाला में चल रही राष्ट्रीय पर्यटन कॉन्फ्रेंस में कही।
उन्होंने बताया कि विदेश में हर राष्ट्र अपनी चीजों को ‘विशेष महत्व’ देता है। अमेरिका में एक कुर्सी की महानता भी यह कहकर बताई जाती है कि उस कुर्सी पर जॉर्ज वाशिंगटन ने बैठकर एक बड़े दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए थे। हमारे जहां तो कंकड़-कंकड़ में शंकर का वास माना गया है। जहां हजारों वर्ष पुरानी धरोहरें मौजूद हैं। उन्हें ‘विशेष महत्व’ देकर पर्यटन विकास को एक नई दिशा दी जा सकती है।