केंद्रीय पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी ने धर्मशाला में चल रहे राज्यों के पर्यटन मंत्रियों के तीन दिवसीय सम्मेलन के समापन समारोह में कहा कि इस कॉनक्लेव को सफल बनाने के लिए निवेशकों को भारत लाने के लिए दूतावासों में नियुक्त भारतीय अधिकारियों को जिम्मेवारी सौंपी जाएगी।
भारत में पर्यटन विकास के लिए आज निवेश की एक बड़ी आवश्यकता है। पर्यटन मंत्रालय जल्द ही निवेश को बढ़ावा देने के लिए एक टूरिज्म इन्वेस्टर कॉनक्लेव आयोजित करेगा। सभी राज्यों के पर्यटन मंत्रालय इस कॉनक्लेव को सफल बनाने के लिए अपने-अपने स्तर पर एक एक्शन प्लान बना लें। केंद्रीय पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी ने धर्मशाला में चल रहे राज्यों के पर्यटन मंत्रियों के तीन दिवसीय सम्मेलन के समापन समारोह में यह बात कही। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस कॉनक्लेव को सफल बनाने के लिए निवेशकों को भारत लाने के लिए दूतावासों में नियुक्त भारतीय अधिकारियों को जिम्मेवारी सौंपी जाएगी। विदेशी निवेशकों के अलावा इस कॉनक्लेव में भारत के कॉरपोरेट सेक्टर से लेकर नए शुरू हुए स्टार्टअप को भी न्योता दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे पहले हमें निवेश के लिए जरूरी सुविधाएं मुहैया करवाने के साथ-साथ निवेश के लिए सुरक्षा का माहौल तैयार करना होगा।
उन्होंने कहा कि इस राष्ट्रीय सम्मेलन के बाद हर राज्य अपने-अपने यहां इसी तरह का सम्मेलन करें। इसमें राज्य के सभी जिलों के पर्यटन अधिकारियों को बुलाएं। इससे हर राज्य को अपने पर्यटन स्थलों को विकसित करने की मदद मिलगी। पर्यटन स्थलों के प्रचार-प्रसार के लिए हर राज्य की राजधानी में सोशल मीडिया कार्यालय खोलकर अधिकारी तैनात किए जाएंगे। देश के हर पर्यटन स्थल पर भारतीय तिरंगे को दर्शाया जाना चाहिए। इससे उस स्थल का महत्व बढ़ेगा। होटलों के प्रवेश द्वार पर भी इस तरह की व्यवस्था की जा सकती है। रेड्डी ने कहा कि पर्यटन क्षेत्र को चमकाने के लिए सोशल मीडिया की बहुत बड़ी भूमिका है। पर्यटन क्षेत्र के लिए हर राज्य को 100 करोड़ रुपये दिए जाते हैं। यदि हर राज्य इसका पांच फीसदी हिस्सा भी सोशल मीडिया पर खर्च करता है तो इससे पर्यटन विकास में बड़ा सुधार आएगा। उन्होंने कहा कि अगली बैठक से पहले सभी राज्य एनसीसी, एनएसएस की तरह स्कूल से लेकर विश्वविद्यालय के स्तर तक टूरिज्म क्लब गठित कर लें। पर्यटन स्थलों पर प्लास्टिक के ढेर देखकर विदेशी पर्यटकों में भारत के प्रति नकारात्मक छवि बनती है। इसके लिए पर्यटन स्थलों को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए प्रयास करने चाहिए।
सभी राज्यों के लिए एक वेबसाइट बनाई जाएगी
केंद्रीय पर्यटन मंत्री ने बताया कि भारत सरकार पर्यटन के बारे में एक ही स्थान पर सारी जानकारी मुहैया करवाने के लिए एक वेबसाइट बनाने की तैयारी कर रही है। इसी के अंतर्गत हर राज्य को वेबसाइट में शामिल किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके लिए आईटी विशेषज्ञों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि यह वेबसाइट दुनिया के सभी देशों की वेबसाइट से बेहतर होनी चाहिए। हर राज्य पेशवर लोगों को हायर कर बढ़िया फोटो और वीडियो बनाकर इस वेबसाइट पर शेयर किए जाएंगे। इससे पर्यटकों को एक ही स्थान पर सारी जानकारी मिल सकेगी।
जी-20 सम्मेलन के प्रतिभागी भारत के टूरिस्म एंबेसेडर बनकर लौटेंगे: अमिताभ कांत
जी-20 सम्मेलन की मेजबानी के दौरान पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण भारत के 55 शहरों में 200 कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। भारत सरकार का प्रयास है कि सम्मेलन में भाग लेने वाले प्रतिभागियों को अतुल्य भारत के दर्शन करवाते हुए मानसिक और आध्यात्मिक रूप से इतना अधिक प्रभावित कर दिया जाए कि वे लौटते समय भारत के टूरिज्म एंबेसेडर बनकर लौटेंगे। जी-20 सम्मेलन में भारत के शेरपा (राष्ट्राध्यक्ष के व्यक्तिगत प्रतिनिधि) अमिताभ कांत ने यह बात राष्ट्रीय पर्यटन सम्मेलन में वर्चुअली जुड़कर कही। अमिताभ कांत ने कहा कि दुनिया भारत की मौलिक खूबियों को जानना-समझना और अनुभव करना चाहती है। पर्यटन की दृष्टि से यही हमारे लिए सबसे बड़ी संभावना है। पर्यटन विकास के लिए हर राज्य को पश्चिम का अनुकरण करने के बजाय अपनी मूल जड़ों से जुड़कर पर्यटन विकास के लिए नीति बनानी और क्रियान्वित करनी चाहिए।
इस क्षेत्र में केरल से काफी कुछ सीखा जा सकता है। वहां औद्योगिक विकास नाममात्र ही हुआ। इसके बावजूद पर्यटन उद्योग ने केरल की अर्थव्यवस्था का कायाकल्प कर दिया। उन्होंने कहा कि दुनिया भर के लोग अब प्रामाणिक अनुभव को जीना चाहते। इसलिए यह जरूरी हो जाता है कि पर्यटन क्षेत्र में हम उन्हें अच्छी गुणवत्ता के उत्पाद मुहैया करवाएं। उन्होंने कहा कि पर्यटन का असली अर्थ डेस्टिनेशन मैनेजमेंट है। उचित ब्रांडिंग से भारत की मूल्य को और अधिक बढ़ाया जा सकता है। अतुल्य भारत योजना के तहत हिमालय, रेगिस्तान, मंदिरों से लेकर नदियों की ब्रांडिंग की गई। इससे भारत के पर्यटन विकास में काफी मदद मिली। उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति, विभिन्न विविधताएं, पकवान और मजबूत लोकतंत्र भारत की एक बड़ी सॉफ्ट पावर है। पर्यटन विकास के लिए इसका उचित उपयोग किया जाना चाहिए।