Train Accident: मैं दूंगा खून… और उमड़ पड़े लोग, ट्रेन हादसे के दर्द में मरहम लगा रही इंसानियत की यह तस्वीर

Coromandel Express Accident: ओडिशा में कोरोमंडल ट्रेन हादसे के बाद अफरा-तफरी मच गई। घटनास्थल से लेकर अस्पताल तक चीख-पुकार मची थी। कई शव कटे पड़े थे। लोगों के शरीर से खून बह रहा था। ब्लड डोनेशन के लिए सैकड़ों युवाओं की भीड़ जमा थी। सुबह तक कई ने ब्लड डोनेशन किया।

भुवनेश्वर: रात के 12.00 बज रहे थे। ओडिशा के बालासोर मेडिकल कॉलेज में हजारों लोगों की भीड़ जमा थी। अफरा-तफरी का माहौल था। लोग यहां-वहां भाग रहे थे। एंबुलेंस के सायरन लगातार गूंज रहे थे। कारों और अन्य गाड़ियों से घायल लगातार लाए जा रहे थे। इसी बीच कुछ स्वस्थ्य युवाओं की भीड़ भी यहां जमा थी। लंबी लाइन लगी थी। कुछ युवाओं के हाथ में फॉर्म था। कुछ 2 घंटे से खड़े थे तो कोई 4 घंटे से खड़ा था। ये वे युवा थे, जो मेडिकल कॉलेज में ब्लड डोनेट करने आए थे। हादसे की खबर सुनते और ट्रेन हादसे के वीडियो देखने के बाद इन युवाओं को साफ हो गया था कि यह हादसा बहुत बड़ा है। कई लोग मारे गए हैं और कई घायल हुए हैं, उन्हें रक्त की जरूरत होगी इसलिए वे दान करने यहां पहुंच गए थे।

ओडिशा के बालासोर में हुए भयानक कोरोमंडल ट्रेन हादसे ने पूरे देश को हिला दिया है। घटना के बाद लोगों की जान बचाने के लिए लोग रेस्क्यू ऑपरेशन में जुट गए। सैकड़ों लोग दुर्घटनास्थल पर पहुंचे तो अस्पताल में भी हुजूम उमड़ पड़ा। जो जिस तरह था ब्लड डोनेट करने के लिए अस्पताल पहुंच गया। नतीजा यह हुआ कि कुछ ही घंटों में 900 यूनिट ब्लड जमा हो गया। 2000 से ज्यादा लोगों ने ब्लड डोनेशन के लिए रजिस्ट्रेशन कराया।

टुकड़ों में बंटकर एक के ऊपर एक चढ़ीं बोगियां, फिर… ओडिशा ट्रेन हादसे की तस्वीरें ही बयां कर रही खौफनाक मंजर
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    ​यह हादसा पिछले 15 वर्षों में देश में सबसे भीषण रेल दुर्घटनाओं में से एक है।

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    कोरोमंडल एक्सप्रेस और एसएमवीटी-हावड़ा सुपर फास्ट एक्सप्रेस के 17 डिब्बे पटरी से उतरे हैं। कई बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए।

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    ​एनडीआरएफ, ओडीआरएएफ, ओडिशा अग्निशमन सेवा के साथ-साथ कई स्वयंसेवी संगठनों ने रात भर क्षतिग्रस्त कोचों के ढेर में फंसे बचे लोगों और शवों की तलाश जारी रखी।

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    यह भीषण हादसा कोलकाता से करीब 250 किलोमीटर दक्षिण में बालासोर जिले के बाहानगा बाजार स्टेशन के पास हुआ।

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    घटना के बाद मौके पर हाहाकार मच गया। यात्री जान बचाने को भागे, कई भागने में असफल हुए क्योंकि वे बुरी तरह से दब चुके थे।

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    लाशों को ढेर लगे थे। किसी का हाथ कट गया तो किसी का पैर, कई के सिर धड़ से अलग हो गए।

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    रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि हावड़ा जा रही 12864 बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस के कई डिब्बे बाहानगा बाजार में पटरी से उतर गए और दूसरी पटरी पर जा गिरे।

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    पटरी से उतरे ये डिब्बे 12841 शालीमार-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस से टकरा गए और इसके डिब्बे भी पलट गए।

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    चेन्नई जा रही कोरोमंडल एक्सप्रेस के डिब्बे पटरी से उतरने के बाद एक मालगाड़ी से टकरा गए, जिससे मालगाड़ी भी दुर्घटना की चपेट में आ गई।

ब्लड डोनर्स की बढ़ती जा रही थी भीड़

घटना की सूचना के बाद रात के बाहर बजे लगभग 2000 युवा ब्लड डोनेशन की लाइन में खड़े थे। ब्लड डोनेशन करनेवालों की भीड़ बढ़ती जा रही थी और ब्लड भी एकत्र होता जा रहा है। कुछ ही घंटों में बालासोर में 500 यूनिट ब्लड जमा हो गया। सुबह तक ब्लड बैंक में 900 यूनिट ब्लड था।

सुबह तक लाइन में खड़े रहे युवा

मेडिकल कॉलेज पहुंच रहे युवा शांति से लाइन में लगे थे। आलम यह था कि जहां तक नजर जा रही थी, युवा लाइन में खड़े नजर आ रहे थे। कोई घायल आता तो युवा लाइन से निकलकर मदद के लिए दौड़ पड़ते और फिर वापस आकर लाइन में लग जाते। कई ने तो ब्लड डोनेशन के लिए सुबह तक लाइन में लगकर अपने नंबर का इंतजार किया।

किया गया ब्लड डोनेशन के लिए रजिस्ट्रेशन

डॉक्टरों ने बताया कि ब्लड बहुत ज्यादा एकत्र करके नहीं रखा जा सकता है इसलिए 900 यूनिट ब्लड एकत्र होने के बाद डोनेशन रोक दिया गया। उसके बाद युवाओं ने ब्लड डोनेशन के लिए रजिस्ट्रेशन कराना शुरू कर दिया। 2000 से ज्यादा रजिस्ट्रेशन हुए। बिना किसी ब्लड डोनेशन कैंप या किसी के बुलावे पर सैकड़ों युवा जमा थे, यह बताता है कि हमारे देश में इंसानियत जिंदा है।