बाबा विश्वनाथ का भरा खजाना: 11 महीने में 7 करोड़ श्रद्धालुओं ने लगाई हाजिरी, 40 करोड़ रुपये का चढ़ावा

विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के बाद से बीते 11 महीने में सात करोड़ श्रद्धालुओं ने बाबा दरबार में हाजिरी लगाई है। इसके साथ ही वर्तमान वित्तीय वर्ष में अब तक बाबा विश्वनाथ को 27 करोड़ का चढ़ावा चढ़ाया गया है। लोकार्पण के बाद से अब तक 40 करोड़ रुपये का चढ़ावा चढ़ा है। नए वर्ष के पहले दिन सात लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन किए तो वहीं सावन के महीने में श्रद्धालुओं का आंकड़ा सवा करोड़ था।

काशी विश्वनाथ धाम में टूटा रिकॉर्ड

काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के बाद देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में अप्रत्याशित बढ़ोतरी दर्ज की गई है। आने वाले दिनों में श्रद्धालुओं की संख्या को ध्यान में रखते हुए भीड़ प्रबंधन की व्यवस्था को और बेहतर बनाने की पहल की जा रही है। बैरिकेडिंग के साथ ही धाम में हेल्प डेस्क और अनाउंसिंग सिस्टम को विस्तार दिया गया है।

बाबा विश्वनाथ का दर्शन करने आ रहे देश भर के श्रद्धालुओं को भाषाई समस्या नहीं होगी। दक्षिण भारत के हर राज्य की भाषा में धाम में अनाउंसमेंट करने के साथ ही अंग्रेजी में भी अनाउंसमेंट किया जा रहा है। इसके साथ ही राज्यों के हिसाब से  हेल्पडेस्क भी स्थापित किए जाएंगे।

विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के बाद से बीते 11 महीने में सात करोड़ श्रद्धालुओं ने बाबा दरबार में हाजिरी लगाई है। इसके साथ ही वर्तमान वित्तीय वर्ष में अब तक बाबा विश्वनाथ को 27 करोड़ का चढ़ावा चढ़ाया गया है। लोकार्पण के बाद से अब तक 40 करोड़ रुपये का चढ़ावा चढ़ा है। नए वर्ष के पहले दिन सात लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन किए तो वहीं सावन के महीने में श्रद्धालुओं का आंकड़ा सवा करोड़ था। मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि लोकार्पण के बाद से अब तक 11 महीने में सात करोड़ श्रद्धालुओं ने मंदिर में दर्शन पूजन किया है। भीड़ प्रबंधन को बेहतर करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।

बढ़े श्रद्धालु तो बढ़ गया चढ़ावा
धाम में हुए खर्च की बात करें तो अप्रैल 2021 में 38 लाख और मई 2021 में 76 लाख रुपये खर्च हुए थे। अप्रैल 2022 में 31 लाख और मई माह में एक करोड़ 25 लाख रुपये खर्च किए गए हैं। इसमें वेतन, सामान्य खर्च, व्यवस्था और आकस्मिक खर्च भी शामिल हैं। सीईओ ने बताया कि 2018-19 के वित्तीय वर्ष में सर्वाधिक 26.65 करोड़ रुपये का चढ़ावा चढ़ा था। उससे पहले चढ़ावे का आंकड़ा सालाना 10 से 12 करोड़ रुपये तक ही होता था। 

काशी विश्वनाथ धाम
काशी विश्वनाथ धाम – फोटो : सोशल मीडिया।
श्रीकाशी विश्वनाथ धाम ने अपने पहले ही साल में चढ़ावे के सभी रिकॉर्ड को तोड़ दिए। बीते एक साल में देश-दुनिया से श्रीकाशी विश्वनाथ के दर्शन के लिए आए शिव भक्तों ने दिल खोलकर बाबा के दरबार में नकदी, सोना, चांदी और अन्य धातुओं का चढ़ावा चढ़ाया है। मंदिर प्रशासन के आकलन के अनुसार चढ़ावे का कुल मूल्य 100 करोड़ से भी ज्यादा है। वहीं 13 दिसंबर 2021 से 12 दिसंबर तक सात करोड़ 35 लाख 82 हजार 042 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए।
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में धाम के लोकार्पण से अब तक श्रद्धालुओं ने लगभग 50 करोड़ से अधिक की नकदी दान की। इसमें से 40 प्रतिशत धनराशि आनलाइन प्राप्त हुई है। वहीं लगभग 50 करोड़ से अधिक के धातु (60 किलो सोना, 10 किलो चांदी और 15 सौ किलो तांबा) भी चढ़ावे में मिले हैं। सोना व तांबे से गर्भगृह की बाहरी और आंतरिक दीवारों को स्वर्ण मंडित किया गया है।
श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि 13 दिसंबर 2021 से लेकर अब तक श्रद्धालुओं ने 100 करोड़ रुपये से अधिक का दान अर्पण किया। यह मंदिर के इतिहास में सर्वाधिक है। साथ ही पिछले साल की तुलना में यह राशि लगभग पांच सौ प्रतिशत से अधिक है।

श्री काशी विश्वनाथ धाम
श्री काशी विश्वनाथ धाम – फोटो : अमर उजाला
लोकार्पण के बाद श्रीकाशी विश्वनाथ धाम आने श्रद्धालुओं की संख्या

महीना    श्रद्धालुओं की संख्या
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दिसंबर 2021    4842716
जनवरी 2022    7459471
फरवरी 2022    6856142
मार्च 2022    7171163
अप्रैल 2022    6587264
मई 2022    6290511
जून 2022    6916981
जुलाई 2022    7681561
अगस्त 2022    6711499
सितंबर 2022    4013688
अक्तूबर 2022    3830643
नवंबर 2022    3870403
दिसंबर (1-12-2022 -12-12-2022 )    1350000

कुल    73582042

काशी विश्वनाथ धाम
काशी विश्वनाथ धाम – फोटो : अमर उजाला
चार से पांच साल में निकल जाएगा निर्माण का खर्च
मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने बताया कि श्रीकाशी विश्वनाथ कॉरिडोर के निर्माण और मुआवजा में तकरीबन 900 करोड़ रुपये खर्च हुए थे। आने वाले समय में धाम में सुविधाओं के विस्तार से भक्तों की संख्या बढ़नी तय है। शिवभक्तों की ओर से चढ़ावा भी बढ़ेगा। चढ़ावे के अलावा कॉरिडोर में बने भवनों से भी अतिरिक्त आय होगी। माना जा रहा है कि कॉरिडोर की लागत अगले चार से पांच साल में भक्तों के चढ़ावे और परिसर में नवनिर्मित भवनों से होने वाली आय से पूरी कर ली जाएगी।

लोकार्पण के बाद बढ़ी हैं श्रद्धालुओं की सुविधा
मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने बताया कि लोकार्पण के बाद मंदिर न्यास की ओर से श्रद्धालुओं की सुविधाओं में लगातार बढ़ोतरी की जा रही है। पेयजल व्यवस्था, छाया की व्यवस्था, मैट व अन्य मूलभूत सुविधाओं के साथ-साथ साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया गया है। सुगम दर्शन व्यवस्था में 50 कर्मचारी कार्यरत हैं, जबकि साफ सफाई व्यवस्था में दो सौ कर्मियों और दर्शनार्थियों को बेहतर सुरक्षा व  सुविधा देने के लिए सौ कर्मियों को लगाया गया है। इसके अलावा लॉकर, हेल्प डेस्क स्थापित किए गए हैं। मंदिर में दर्शनार्थ आने वाले वृद्ध व दिव्यांगजनों की सुविधा के लिए व्हील चेयर की व्यवस्था की गई है।