कंडाघाट कवारग पंचायत के किसान बेहद परेशान है। उनकी परेशानी की सबसे बड़ी वजह डम्पिंग साइट है। यह डम्पिंग साइट फोरलेन निर्माण में जुटी कम्पनी द्वारा चलाई जा रही है। पंचायत वासियों का आरोप है कि जिला प्रशासन और फोरलेन कम्पनी ने बिना पंचायत की एनओसी के यह डंपिंग साइट आरम्भ करवा दी है। जिसकी वजह से उनके खेत खलियान सभी खतरे की जद में आ चुके हैं। यहाँ तक कि उनका जीवन भी संकट में पड़ चुका है। उन्होंने कहा कि इस डम्पिंग साइट का कई बार विरोध उनके द्वारा किया जा चुका है। लेकिन जिला प्रशासन और कंपनी के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही है। इस लिए आज वह जिला प्रशासन को चेताने के लिए उपायुक्त कार्यालय आए है। अगर अब भी यह साइट बंद नहीं हुई तो वह सड़कों पर लेट जाएंगे मगर डम्पिंग नहीं होने देंगे।
इस मौके पर कवारग पंचायत के पूर्व प्रधान ईश्वर ठाकुर और कांग्रेस वरिष्ठ नेता रमेश ठाकुर ने एतराज जताते हुए कहा कि जो डंपिंग प्रशासन और कम्पनी द्वारा बनाई गई है वह बिना पंचायत की सहमति से बनाई है। जिसका खामियाजा पंचायत के लोग भुगत रहे है। डम्पिंग साइट पर कुछ दिन पहले ट्रक गिर गया था। जो गाँव के एक घर पर गिरा। जिसमें पंचायत की महिला का लाखों का नुक्सान हुआ और प्रशासन ने यह कह कर पल्ला झाड़ लिया कि वह इस घटना पर कुछ नहीं कर सकते है।
उन्होंने कहा कि इस साइट पर डंप की जा रही मिटटी बरसात में साथ लगते गाँव को कभी भी तबाह कर सकती है। इसलिए गांव वासियों ने जिला प्रशासन और कम्पनी से अब आर पार की लड़ाई का मन बना लिया है और यह फैंसला किया है कि वहां अब डम्पिंग नहीं होने दी जाएगी। सारा गाँव अब घर पर नहीं बल्कि सड़कों में बैठेगा और किसी भी ट्रक को डम्पिंग साइट तक जाने नहीं दिया जाएगा।