Try to connect youth with agricultural horticulture

युवाओं को कृषि बागवानी से जोड़ने का करे प्रयास

कृषि विज्ञान केन्द्र सोलन की वैज्ञानिक सलाहकार समिति की 16वीं बैठक डॉ यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी के कुलपति डॉ परविंदर कौशल की अध्यक्षता में ऑनलाइन एवं ऑफलाइन माध्यम द्वारा सम्पन्न हुई। इस बैठक में समिति के 15 सदस्यों ने भाग लिया। इस बैठक में ग्रामीण युवाओं को कृषि बागवानी से जोड़ने के लिए कार्य करने पर सहमति बनी।

निदेशक विस्तार शिक्षा डॉ पीके महाजन ने सभी प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा की गई गतिविधियों की सराहना की। केवीके के प्रभारी डॉ धर्म पाल शर्मा ने 15वीं सलाहकार समिति की सिफारिशों पर केंद्र द्वारा की गई कार्यवाही एवं आगामी वर्ष में की जाने वाली गतिविधियों का ब्यौरा दिया।

क्षेत्रीय परियोजना निदेशक, अटारी खण्ड-1, लुधियाना से डॉ राजवीर सिंह भी इस सभा में ऑनलाइन सम्मिलित हुए। उन्होनें केन्द्र द्वारा की गई गतिविधियों की प्रशंसा की। फसल विशेष गाँव विकसित करना, बागवानी पर्यटन को बढ़ावा देना, न्यूट्रि स्मार्ट गाँव विकसित करना एवं कौशल विकास के द्वारा उद्यमी तैयार करने पर उनके द्वारा सुझाव दिए गए। खुम्ब निदेशालय, चम्बाघाट के निदेशक डॉ वेद प्रकाश शर्मा ने मशरूम में विविधीकरण अपनाने तथा उसके मूल्य सवंर्धन का प्रसार करने की सलाह दी। कृषि उपनिदेशक डॉ राजेश कौशिक ने विश्वविद्यालय द्वारा टमाटर में पिन वर्म के नियंत्रण की तकनीक पर कार्य करने के सुझाव दिये। उद्यान विकास अधिकारी कण्डाघाट डॉ प्रियंबदा ने केंद्र को उच्च घनत्व सेब की खेती की पैकेज ऑफ प्रैक्टिस विभाग को मुहैया कराने का आग्रह किया। उन्होंने विभाग तथा कृषि विज्ञान केन्द्र के बीच संयुक्त कार्यक्रमों को करने का सुझाव दिया।

प्रगतिशील किसान अरविंद बिंदल ने टमाटर में जीवाणु रोग के बढ़ते प्रकोप पर चिंता जाहिर करते हुए विश्वविद्यालय द्वारा इसके नियंत्रण के लिए शोध करने का आग्रह किया। एक अन्य प्रगतिशील बागवान करण ठाकुर ने सेब में जड़ छेदक कीट के प्रभावी नियंत्रण की तकनीक के विषय में जानकारी उपलब्ध करवाने का आग्रह किया व अलग-अलग ऊँचाई वाले क्षेत्रों में लगाई जाने वाली पलम की किस्मों का प्रसिद्विकरण करने का प्रस्ताव रखा।

नौणी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ परविन्दर कौशल जी ने केन्द्र के कार्यों की सराहना की व वैज्ञानिकों को सोलन जिला के पाँचों विकास खण्डों में समान रुप से कार्य करने की सलाह दी। उन्होनें किवी फल के पौधे किसानों को उपलब्ध करवाने, न्युट्रि स्माट गाँव विकसित करने, जल संग्रहण के मॉडल स्थापित करने तथा कृषि में यंत्रीकरण को बढ़ावा देने के निर्देश दिए। डॉ कौशल ने केंद्र को अपने कार्यक्रमों के माध्यम से ग्रामीण युवाओं को कृषि बागवानी से जोड़ने का प्रयास करने का आग्रह किया। केंद्र कि दो पुस्तिकाओं का विमोचन भी इस अवसर पर किया गया।