नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी (Nawazuddin Siddiqui) का अंदाज़, नवाज़ुद्दीन की फ़िल्में, नवाज़ुद्दीन की फ़िल्में, नवाज़ुद्दीन के टैलेंट से दुनिया वाकिफ़ है. सरफ़रोश (Sarfarosh) में गुंडे का रोल करने से लेकर, गैंग्स ऑफ़ वासेपुर (Gangs of Wasseypur) में इश्टाइल वाला गुंडे के रोल तक. नवाज़ुद्दीन ने फ़िल्म इंडस्ट्री में अपनी अलग पहचान बनाई है. किरदार छोटा हो या बड़ा, फ़िल्म में अगर नवाज़ हों तो उन पर से नज़रें ही नहीं हटती हैं.
‘हीरो जैसी शक्ल’ न होने की वजह से झेले कई रिजेक्शन
नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी संघर्ष करते गए, हार नहीं मानी और आज उनके घर का बाथरूम उनके पुराने घर से बड़ा है. संघर्ष के दिनों पर बात करते हुए नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी ने बताया कि हीरो जैसी शक्ल न होने की वजह से उन्हें कई बार काम नहीं मिला. नवाज़ से लोग कहते कि वो कभी एक्टर नहीं बन सकते, उन्हें तो ये हिदायत भी मिल गई थी कि वो अपना वक़्त बर्बाद करना छोड़ दे.
नवज़ुद्दीन सिद्दीकी ने बताया कि एक टेलिविज़न शो ने उन्हें कास्ट करने से मना कर दिया था. उनसे ये कहा गया था कि उन पर एक्स्ट्रा लाइट्स लगानी पड़ेंगी और निर्माताओं को नुकसान झेलना पड़ेगा.
दरअसल टीवी चैनल के निर्माता कहते कि नवाज़ जैसे एक्टर्स को लिट अप दिखाने के लिए लाइटें लगाने में काफ़ी वक्त लगता है और चैनल को एक दिन में ही एपिसोड भेजना पड़ता है.
एक दशक तक संघर्ष करने के बाद नवाज़ को दो सीन के रोल मिले. 1999 में सरफ़रोश फ़िल्म में छोटे से रोल के साथ उन्होंने डेब्यू किया. Bollywood Bubble से बात-चीत में नवाज़ ने कहा, ‘टीवी में उस तरह के जो रिएलिस्टिक, जो क्राइम पर जो सीरीज़ बनती थी, उसमें मिल जाता था हमें रोल. एक दिन का मिल गया काम, दो दिन का मिल गया, इस तरह का होता था.’
शूल के लिए नहीं मिली थी पगार
The Indian Express के लेख के अनुसार नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी को शूल में अपने किरदार के लिए 2500 रुपये की पगार नहीं मिली थी. नवाज़ ने कई महीनों तक प्रोड्यूसर के दफ़्तर के चक्कर लगाए लेकिन उन्हें पैसे नहीं मिले, फिर उन्होंने एक तरकीब सोची. नवाज़ ने कहा, ‘मैं 6-7 महीनों में कई बार प्रोड्यूसर के ऑफ़िस गया. जब मैं उनके ऑफ़िस जाता तो मुझे खाना मिलता. मैं लंच टाइम तक उनके ऑफ़िस पहुंचता. मुझे देखकर वो पूछते, खाना खाएगा? मैं हां कर देता. उन्होंने कहा कि पैसे तो नहीं मिलेंगे पर खाना खा ले आ जा तू. मैंने ये कई महीनों तक किया और अपना पैसा वसूल लिया.’
आपको नवाज़ुद्दीन की कौन सी फ़िल्म सबसे ज़्यादा पसंद है?