Twin Tower: टि्वन टावर ढहते ही 3 KM में फैलेगा धूल का गुबार, जानिए आसमान से धुंध छंटने में कितने घंटे लग जाएंगे

Twin Tower Demolition: नोएडा के अवैध ट्विन टावर को ढहाने के दौरान एमराल्ड कोर्ट और एटीएस विलेज की हरियाली को धूल से बचाने की भी चुनौती रहेगी। नोएडा अथॉरिटी को सड़कों की सफाई तत्काल शुरू करवानी होगी। 15 मिनट बाद एक्सप्रेसवे पर भी धूल मिट्टी नजर आने का अनुमान है।

नोएडा: 32 मंजिल तक बने सुपरटेक के टि्वन टावर (Supertech Twin Tower) बारूद से ढहाए जाएंगे। मौके पर सेकंडों में ब्लास्ट होगा जब तक यह समझ में आएगा तब तक आस-पास करीब 3 किलोमीटर के दायरे में धूल का गुबार फैल चुका होगा। इसके बाद हवा के रुख से तय होगा कि यह गुबार किस दिशा में बढ़ेगा। बाद में धीरे-धीरे यह नीचे की तरफ आएगा। आसमान में छाने वाली धुंध को ही छंटने में कम से कम 3 घंटे का समय लग जाएगा। ट्विन टावर में ब्लास्ट के साथ ही मलबा ढहना शुरू हो जाएगा। ब्लास्ट के जितने दबाव से मलबा गिरेगा, धूल उतनी ही तेजी से फैलेगी। ये धूल टावर निर्माण में लगाई गई सीमेंट व अन्य मटीरियल की होगी। इसके साथ ही इसमें करीब 3700 किलो विस्फोटक का धुआं भी शामिल होगा।

धूल ऊपर उठकर फैलने के साथ आस-पास मौजूद सोसायटियों व सड़कों पर भी फैलेगी। इसका कारण है कि मलबा जब नीचे गिरेगा तो उससे पहले धूल नीचे फैलेगी। फिर दीवारों से टकराकर ऊपर उठेगी। इस दौरान बगल में मौजूद एटीएस विलेज, एमराल्ड कोर्ट सोसायटी के अंदर ज्यादा धूल नजर आएगी। आस-पास की सड़कों पर भी धूल की मोटी परत जमेगी। यहां तक कि एक्सप्रेसवे पर भी 15 मिनट बाद धूल मिट्टी नजर आने का अनुमान है। टावर ढहाने का काम कर रही एडिफिस एजेंसी से अथॉरिटी व सीबीआरआई ने धूल कम उड़े इसके लिए कई काम भी करवाए हैं। एजेंसी के मुताबिक, दीवारों का मलबा और धूल गिरने पर कम से कम बाहर आए इसके लिए जियो टेक्सटाइल फाइबर लगाया गया है। टावर को चारों तरफ से फाइबर के पर्दों से ढका गया है। इससे अंदर से निकलने वाली धूल ज्यादा नहीं फैल पाएगी।

प्रदूषण खतरनाक स्थिति में पहुंचेगा

टावर ढहने के बाद उड़ने वाली धूल से वातावरण में पीएम-10 और 2.5 एकदम से बढ़ेंगे। हवा में पीएम 2. 5 की मात्रा 60 और पीएम की मात्रा 100 होने पर ही हवा को सांस लेने के लिए सुरक्षित नहीं माना जाता है। ये दोनों पार्टिकल अधिकतर कंस्ट्रक्शन साइट से ही निकलते हैं। वैसी ही धूल टि्वन टावर के ढहने पर भी निकलेगी। कुछ घंटे के लिए आस-पास प्रदूषण खतरनाक स्थिति में पहुंचना तय है।

दोनों सोसायटी की हरियाली को धूल से बचाना भी चुनौती
एमराल्ड कोर्ट और एटीएस विलेज सोसायटी के अंदर शानदार हरियाली है। ग्रीन बेल्ट को यहां की आरडब्ल्यूए व एओए ने अपने खर्च पर विकसित करवाया है। लोगों ने भी बालकनी से लेकर वॉल गार्डनिंग की हुई है। कंक्रीट के मलबे से निकलने वाली धूल इस हरियाली के लिए खतरा बन सकती है। इसकी चिंता दोनों सोसायटी के लोगों को है। हरियाली के बचाव की मांग अथॉरिटी स्तर पर होने वाली बैठकों में लगातार रखी गई। इस पर एजेंसी ने एमराल्ड कोर्ट सोसायटी की आरडब्ल्यूए को बचाव में आने वाले खर्च का भुगतान करने को कहा है। बैठक में यह बताया है कि दोनों सोसायटी की हरियाली को धूल से बचाने के लिए प्लास्टिक कवर से ढका जाएगा।

मलबा 90 दिनों में उठाया जाएगा
टावर ढहाए जाने के दौरान ही सिर्फ टि्वन टावर के आस-पास धूल नहीं रहेगी। इसके बाद भी मलबा उठाए जाने और जगह साफ करने के दौरान भी धूल का उड़ना तय है। गिरने वाले मलबे से स्टील भी निकाली जानी है। एजेंसी ने मलबा मौके से हटवाने के लिए 90 दिन का समय लिया है। इसके लिए सी एंड डी वेस्ट मैनेजमेंट प्लान जमा किया है। नोएडा अथॉरिटी से मिली जानकारी के मुताबिक, प्लान में यह है कि मलबे से पहले दोनों टावर के बेसमेंट भरे जाएंगे। इनमें 7-8 हजार क्यूबिक मीटर मलबा भर जाएगा। इसके बाद एक खाली जमीन पर मलबा भरने के लिए एग्रीमेंट किया है। वहां पर करीब 35 हजार क्यूबिक मीटर मलबा भरा जाएगा। 42 हजार क्यूबिक मीटर से ज्यादा मलबा निकलने की उम्मीद है।

एक्सप्रेसवे से शुरू होगी सड़कों की सफाई
टावर ढहने के बाद आस-पास की सड़कों पर धूल की मोटी परत जम जाएगी। इसे हटाने के लिए अथॉरिटी दो घंटे बाद ही मैकेनिकल स्वीपिंग शुरू करवा देगी। पहले एक्सप्रेसवे पर सफाई होगी। इसके बाद दूर की सड़कों पर। टि्वन टावर के आसपास की सड़कें रात को साफ की जाएंगी।

ये असर पड़ सकता है हवा का
पूर्वी हवा चलने पर धूल सामने की तरफ पार्क व सड़कों की ओर ज्यादा जाएगी। दक्षिण पूर्वी हवा चलने पर धूल एमराल्ड कोर्ट सोसायटी के उत्तरी हिस्से से लेकर गेझा गांव में ज्यादा रहेगी। आगे सेक्टर-108 व सामने तक भी पहुंचने का अनुमान है। अगर शाम के समय बूंदाबांदी हुई तो धूल का गुबार जल्दी बैठेगा।