Two issues may weigh on BJP on Arki's elections: inflation and rebellion

अर्की के चुनावों पर भाजपा पर भारी पड़ सकते है दो मुद्दे : महंगाई और विद्रोह

अर्की में भाजपा  पर दो मुद्दे ,इन चुनावों में , भारी पड़  सकते है।  भाजपा की  विजय के रास्ते में, सबसे   बड़ी  बाधा ,भाजपा के ही नेता नज़र आ रहे है।  यही सबसे पहला कारण जो, भाजपा पर भारी पड़ने वाला है, वह है टिकट आबंटन को लेकर, पार्टी में हुआ विद्रोह।  जिसमें   सबसे पहला नाम, भाजपा के पूर्व विधायक ,गोविंद राम शर्मा  का है।  जो टिकट के चाहवान थे।  या यूँ कहें कि, यह वर्तमान भाजपा प्रत्याशी, रतन सिंह पाल के विरोधी थे। इस विद्रोह में ,जिला परिषद सदस्य ,आशा परिहार ,जितेंद्र पाल  ,और अन्य कई दिग्गज, नेता शामिल हैं। जिन्हे हाई कमान ने ,मनाने में कामयाबी तो ,हासिल कर ली है लेकिन ,इन नेताओं ने  अर्की को छोड़, मंडी को चुनाव प्रचार के लिए चुना है।  जिसे देख कर ऐसा प्रतीत होता है कि,  इस से रतन पाल की टीम भी, बेहद खुश है। क्योंकि वह इस उम्मीद में है कि, विद्रोही टीम जितना अर्की से दूर रहेगी ,उतना भाजपा को फायदा होगा।  वहीँ दूसरा ,सबसे बड़ा कारण मेहंगाई   माना जा रहा है।  जिस से कोई भी व्यक्ति ,आज के समय में अछूता नहीं है।   अर्की के मतदाता चाहते है कि , भाजपा सरकार, महंगाई को कम करे ,और उन्हें राहत प्रदान करे। 

अर्की वासियों ने इस मौके पर, रोष प्रकट करते हुए कहा कि ,मेहंगाई  उनके  पहुँच से बाहर होती जा रही है। जिसकी वजह से ,उनका घर चलाना मुश्किल हो चला है। खाने की वस्तुओं के दाम ,आसमान छू रहे है। पैट्रोल डीज़ल के साथ साथ, गैस सिलेंडर भी बेहद मेहँगे  हो चुके है।  अब तो चूल्हा जलाने के लिए, गाँव में लकड़ी नहीं बची है।  दूसरी तरफ , गैस महंगी हो चुकी है ऐसे में वह घर का गुजारा ,कैसे करें यह उन्हें समझ में नहीं आ रहा है।  इस लिए सरकार को चाहिए कि ,वह बढ़ती कीमतों पर नियंत्रण करे। 
अगर अर्की भाजपा ,इन दोनों बाधाओं को ,पार कर जाती है तो ,अर्की से भाजपा प्रत्याशी ,जीतने में कामयाब हो सकते हैं।